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मैनपुरी

नेग न मिलने पर नर्स ने 40 मिनट तक बच्चे को रोके रखा, तबीयत बिगड़ी, नवजात की मौत के बाद हंगामा

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

मैनपुरी जिले के करहल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। यहां एक नर्स द्वारा नेग (इनाम) न मिलने पर 40 मिनट तक नवजात को उसके माता-पिता को सौंपने से रोक दिया गया। इस देरी के चलते बच्चे की तबीयत बिगड़ गई और बाद में उसकी मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया, जिसके बाद मामला सुर्खियों में आया। 

डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने तुरंत संज्ञान लेते हुए आरोपी नर्स को वहां से हटाने और मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

घटना का विवरण

मामला 19 सितंबर का है, जब मैनपुरी जिले के ओन्हा पतारा गांव की संजली को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उन्हें करहल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। संजली को अस्पताल में भर्ती किया गया और थोड़ी देर बाद उसने एक बच्चे को जन्म दिया।

शिशु के जन्म के बाद, ड्यूटी पर तैनात नर्स ज्योति भदौरिया ने संजली के पति सुजीत से नेग के रूप में 5100 रुपये की मांग की। सुजीत के पास तुरंत इतने पैसे नहीं थे, जिससे उन्हें पैसों का इंतजाम करने में लगभग 40 मिनट लग गए। इस दौरान, नर्स ने नवजात को मेज पर लिटाए रखा और उसे माता-पिता को नहीं सौंपा।

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नेग मिलने पर सौंपा बच्चा, तबीयत बिगड़ी

जब सुजीत ने किसी तरह पैसे जुटाकर नर्स को दिए, तब नर्स ने नवजात को उसके माता-पिता को सौंपा। लेकिन तब तक बच्चे की तबीयत बिगड़ चुकी थी। परिजन उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले गए, लेकिन नवजात की हालत गंभीर हो गई। बच्चे को बेहतर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

हंगामे के बाद मामला सबकी नजर में

नवजात की मौत के बाद शोकाकुल परिवार ने अस्पताल में हंगामा किया। इस घटना की जानकारी जैसे ही बाहर आई, मामला मीडिया की सुर्खियों में आ गया। समाचार पत्रों में खबरें छपने के बाद डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने इस घटना पर संज्ञान लिया और मामले की जांच के आदेश दिए।

डिप्टी सीएम ने दिए जांच के आदेश

डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने आरोपी नर्स ज्योति भदौरिया को तत्काल प्रभाव से करहल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से हटाकर सुल्तानगंज के विछवां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरित कर दिया है। उन्होंने इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त न करने की बात कही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित

डिप्टी सीएम के आदेश पर मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है। इस समिति में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विजेंद्र सिंह, डॉ. संजीव राव बहादुर और जिला कार्यक्रम प्रबंधक संजीव कुमार वर्मा को शामिल किया गया है। इसके साथ ही, मैनपुरी के सीएमओ को जांच की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है।

डिप्टी सीएम ने कानपुर मंडल के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर निदेशक को भी मौके पर जाकर जांच करने और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

नर्स पर कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया

जांच के दौरान आरोपी नर्स ज्योति भदौरिया को करहल से हटाकर विछवां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ट्रांसफर किया गया है। डिप्टी सीएम ने स्पष्ट किया है कि इस घटना में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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