मैनपुरी में भाजपा नेत्री के बेटे पर 130 अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद सनसनी फैल गई है। पत्नी ने मारपीट, कैद और प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। विपक्ष ने भाजपा को घेरते हुए तीखा हमला बोला है।
ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
मैनपुरी। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां भाजपा नेत्री के बेटे पर 130 अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद भारी राजनीतिक भूचाल आ गया है। इसके साथ ही अब उसकी पत्नी का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें उसने अपने पति और ससुराल वालों पर शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं।
पत्नी ने लगाए सनसनीखेज आरोप
पीड़िता ने वीडियो में बताया कि उसे 15 दिनों तक खाना तक नहीं दिया गया। वह आरोप लगाती है कि पति सिगरेट से दागता था, उसे कमरे में कैद कर रखा जाता था और जब परिवार कहीं जाता तो उसे ताले में बंद कर जाया जाता। यहां तक कि साधारण ज़रूरतों के लिए भी उसे अनुमति लेनी पड़ती थी — जैसे शैम्पू मांगना या टीवी देखना।
“तीन साल से सह रही थी सब कुछ”
महिला का कहना है कि तीन साल से वह यह सब कुछ सहन कर रही थी। उसने आरोप लगाया कि गर्मी के मौसम में जहां पूरा परिवार एसी में सोता है, वहीं उसे बिना एसी के एक कमरे में ज़मीन पर सुलाया जाता था। उसे ताना दिया जाता कि वह अपने मायके से कुछ नहीं लाई, इसलिए उसे कोई अधिकार नहीं है।
सबसे गंभीर आरोप यह है कि पति न केवल अन्य महिलाओं के साथ संबंध रखता है, बल्कि उन संबंधों के वीडियो बनाकर पत्नी को दिखाता और कहता — “अब बुला अपने घरवालों को, तू मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती।”
130 वीडियो कैसे हुए वायरल?
इस मामले में बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि आखिर इतने सारे वीडियो एकसाथ कैसे लीक हुए। क्या युवक ने खुद उन्हें वायरल किया, या फिर उसकी प्रेमिका या किसी अन्य ने? इस बात को लेकर शहर में चर्चाओं का दौर जारी है। वीडियो अलग-अलग होटल और रेस्टोरेंट में बनाए गए थे।
सपा मुखिया ने बोला हमला
इस मामले ने राजनीतिक मोड़ तब लिया जब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने लिखा:
“भाजपाइयों और उनके परिजनों के कुकृत्यों की कड़ी में मैनपुरी से ‘130 वीडियो’ का महाभंडाफोड़ हुआ है। यह कांड भाजपाइयों के ही कुख्यात कर्नाटक कांड से टक्कर लेता दिख रहा है।”
उन्होंने भाजपा के ‘पार्टी विद अ डिफरेंस’ नारे पर कटाक्ष करते हुए कहा, “अब पता चला भाजपा किस मामले में डिफरेंट है।”
भाजपा की चुप्पी, विपक्ष का घेराव
जहां एक ओर भाजपा ने इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साध रखी है — न महिला मोर्चा, न जिला संगठन का कोई पदाधिकारी बयान देने को तैयार है, वहीं दूसरी ओर सपा, बसपा और कांग्रेस ने इसे लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला है। विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाए हैं कि भाजपा नेताओं के परिजन जब कानून तोड़ते हैं, तो पुलिस और प्रशासन सत्ता के दबाव में निष्क्रिय क्यों हो जाते हैं?
पहले भी हो चुकी थी शिकायत
बताया जा रहा है कि भाजपा नेत्री के बेटे का पत्नी से पिछले चार साल से विवाद चल रहा है। महिला ने पहले भी सिगरेट से जलाने और मारपीट की शिकायत पुलिस से की थी, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते मामले को रफा-दफा कर दिया गया था।
इस मामले ने सिर्फ मैनपुरी ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की राजनीति को हिला कर रख दिया है। जहां एक ओर पीड़िता की दर्दनाक आपबीती समाज में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है, वहीं भाजपा की चुप्पी इस मुद्दे को और भी संवेदनशील बना रही है।
यह घटना भाजपा के नैतिक मानकों पर सवालिया निशान खड़ा करती है और आने वाले दिनों में इसके राजनीतिक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।