चित्रकूट के मानिकपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत ऐंचवारा में विकास के नाम पर खुला भ्रष्टाचार का चौंकाने वाला मामला। प्रदेश के नंबर 1 ग्राम प्रधान की कार्यशैली पर उठे सवाल, सचिव से मिलीभगत कर करोड़ों के घोटाले के आरोप।
संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट, प्रदेश में सम्मानित ‘नंबर 1 ग्राम प्रधान’ की ग्राम पंचायत ऐंचवारा इन दिनों सुर्खियों में है — लेकिन विकास की वजह से नहीं, बल्कि वहां हो रहे भारी भ्रष्टाचार की वजह से। जैसे-जैसे बाउंड्री वॉल बहती गई, वैसे-वैसे विकास कार्यों के नाम पर किए गए फर्जीवाड़े की परतें भी सामने आती जा रही हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि ग्राम प्रधान, जो खुद को एक पत्रकार और प्रधान संघ अध्यक्ष होने का दावा करता है, जिम्मेदार अधिकारियों पर धौंस जमाकर कार्रवाई से बचने की कोशिश कर रहा है। यही नहीं, गांव में तैनात सचिव द्वारा अन्य ग्राम पंचायतों में किए गए भ्रष्ट कार्यों पर भी यह प्रधान पर्दा डालता नजर आ रहा है।
विकास खंड मानिकपुर में ऐंचवारा बना भ्रष्टाचार का गढ़
सूत्रों के अनुसार, ग्राम पंचायत ऐंचवारा में पिछले एक दशक (वित्तीय वर्ष 2015 से 2025 तक) में हुए विकास कार्यों की अगर निष्पक्ष जांच कराई जाए, तो करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आ सकता है।
मुख्य आरोपों में शामिल हैं
- बाउंड्री वॉल निर्माण में मानकों की अनदेखी
- स्थानीय पहाड़ों से अवैध पत्थर खनन और बिना अनुमति निर्माण
- मुक्तिधाम जैसे धार्मिक स्थलों में भी भ्रष्टाचार
- कायाकल्प योजना के अंतर्गत विद्यालयों के नाम पर धन निकासी, जबकि सुधार कार्य धरातल पर नहीं
- हैंडपंप मरम्मत सामग्री के नाम पर धन की हेराफेरी
- एमएम 11 (खनिज रवन्ना) की चोरी, जो साफ दर्शाता है कि निर्माण कार्यों में अवैध खनिज सामग्री का प्रयोग किया गया
परिवारवाद से संचालित ग्राम पंचायत, अब ‘लूट पंचायत’?
ऐंचवारा ग्राम पंचायत में पहले मां प्रधान थीं और अब बेटा इस पद पर है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह पंचायत अब एक पारिवारिक व्यवसाय बन चुकी है, जिसका मुख्य उद्देश्य केवल सरकारी योजनाओं में लूट करना रह गया है।
जल्द सामने आएंगे वीडियो सबूत और मजदूरों के बयान
स्थानीय सूत्रों का दावा है कि शीघ्र ही पत्थर खनन से संबंधित वीडियो और मजदूरों के बयान सार्वजनिक किए जाएंगे, जो ग्राम प्रधान और सचिव की मिलीभगत से हुए भ्रष्टाचार की सच्चाई को उजागर करेंगे।
ऐंचवारा गांव में जो तथाकथित विकास हुआ है, वह असल में भ्रष्टाचार की एक लंबी श्रंखला का हिस्सा बनता जा रहा है। अब देखना यह है कि शासन-प्रशासन इस मामले में निष्पक्ष जांच कराएगा या यह मामला भी राजनीतिक दबावों में दबा दिया जाएगा।
📌 नोट:
ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत से हुए इस पूरे घोटाले की विस्तृत रिपोर्ट, सबूतों और गवाहों के साथ हमारे अगले अंक में प्रकाशित की जाएगी।