संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट में ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान के अंतर्गत उमरी बन में वृक्षारोपण महोत्सव का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में महिला कल्याण निगम की अध्यक्ष कमलावती सिंह समेत कई जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए। समारोह में नीम, पीपल, बरगद सहित सैकड़ों पौधे लगाए गए।
वृक्षारोपण महोत्सव 2025 का भव्य शुभारंभ महिला कल्याण निगम (राज्य मंत्री स्तर) की मा. अध्यक्ष श्रीमती कमलावती सिंह की अध्यक्षता में उमरी बन में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती मां के चित्र पर दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके पश्चात विधिवत पूजा-अर्चना कर नीम, पीपल और बरगद के पौधे लगाए गए।
प्रशासनिक व राजनीतिक सहभागिता
इस अवसर पर मंडलायुक्त अजीत कुमार, जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक जाटव, जिलाधिकारी श्री शिवशरणप्पा जीएन, पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह, मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती अमृतपाल कौर, और प्रभागीय वनाधिकारी प्रत्युष कुमार कटिहार सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
पूर्व सांसद भैरव प्रसाद मिश्रा, ब्लॉक प्रमुख अरविंद मिश्रा और अध्यक्ष को-ऑपरेटिव बैंक श्री पंकज अग्रवाल की उपस्थिति ने आयोजन की गरिमा को और भी ऊंचाई दी।
मुख्य अतिथि के विचार: वृक्ष और मातृत्व का संबंध
अपने उद्बोधन में श्रीमती कमलावती सिंह ने वृक्षों को “पालनहार” बताते हुए कहा,
“जिस प्रकार मां अपने बच्चों की रक्षा करती है, उसी प्रकार प्रकृति हमें सहेजती है।”
उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा निर्धारित 37 करोड़ वृक्षारोपण लक्ष्य की सराहना करते हुए जनपद के 74 लाख पौधरोपण लक्ष्य को एक सामूहिक अभियान के रूप में लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि प्रकृति और परंपरा का पुनर्जागरण है।
“एक पेड़ मां के नाम 2.0″: संकल्प से सृजन की ओर
इस अभियान के तहत लोगों से अपील की गई कि वे न केवल पौधे लगाएं, बल्कि उनकी देखभाल भी स्वयं करें। उन्होंने कहा:
“पेड़ लगाने से पहले दृष्टि संकल्पित होकर जाएं। यदि पेड़ बच नहीं पाता, तो उसकी जगह नया पौधा अवश्य लगाएं।”
श्रीमती सिंह ने महिलाओं, युवाओं और किसानों को भी इस हरित अभियान से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रशासनिक संकल्प: जलवायु संकट का समाधान वृक्षारोपण में
मंडलायुक्त अजीत कुमार ने इस अवसर पर कहा कि जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में वृक्षारोपण अभियान में ज़बरदस्त प्रगति हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रसिद्ध स्लोगन “खेत पर मेढ़, मेढ़ पर पेड़” को दोहराते हुए इसे हर गांव और खेत तक पहुंचाने की बात कही।
जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन ने बताया कि जनपद में वृक्षारोपण के लिए ग्राम वन, सूर्यवन, उपवन वन जैसी संरचनाएं बनाई जा रही हैं। मंदाकिनी नदी के किनारे 1.21 लाख पौधे, जबकि 328 तालाबों के चारों ओर वृक्षारोपण किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि किसानों, छात्र-छात्राओं और स्वयं सहायता समूहों को भी इस अभियान से जोड़ा गया है।
पुलिस अधीक्षक का प्रकृति प्रेम संदेश
पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की चर्चा करते हुए कहा कि जब मानव ने जंगलों को काटकर खेती शुरू की, तभी से असंतुलन शुरू हुआ। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे दीर्घकालिक सोच के साथ वृक्षारोपण करें और सुनिश्चित करें कि लगाए गए पौधे जीवित भी रहें।
नवाचार और जन-संवाद: नुक्कड़ नाटक, गीत और प्रेरणा
सरैया ग्राम वन में नवग्रह वृक्षों का रोपण किया गया। विज्ञान फाउंडेशन बरगढ़ और प्रयागराज से आए युवाओं ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से वृक्षारोपण का महत्व बताया। छात्र-छात्राओं को पौधे वितरित किए गए और अधिकारियों को वृक्ष स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
सभा का संचालन शिक्षक साकेत बिहारी शुक्ल और गरिमा सिंह ने किया। दयाराम रैकवार ने “एक पेड़ मां के नाम” पर आधारित गीत प्रस्तुत कर सभी को भावविभोर कर दिया।
मारकुंडी रेंज 2 में महुआ से पीपल तक का हरित साज
कार्यक्रम के अगले चरण में मारकुंडी रेंज 2 के गुरुसराय बीट में महुआ, आम, नीम, बरगद, पीपल, कदम आदि प्रजातियों के 100 से अधिक पौधों का रोपण किया गया। इस दौरान अपर मुख्य अधिकारी सुधीर कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी इन्द्र नारायण सिंह, वनाधिकारी मोहम्मद नदीम व उपजिलाधिकारी मो. जसीम सहित वन कर्मी और स्थानीय प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
हर पेड़ एक भविष्य की नींव
चित्रकूट की तपोभूमि पर यह वृक्षारोपण महोत्सव न केवल एक औपचारिकता, बल्कि एक हरित क्रांति की शुरुआत है। ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ जैसे अभियान समाज को पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदार बनाते हैं। यदि हर व्यक्ति एक पेड़ लगाए और उसे सहेजे, तो यह आंदोलन भविष्य की पीढ़ियों को स्वच्छ जल, निर्मल वायु और सुरक्षित पर्यावरण की सौगात दे सकता है।