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चित्रकूट

स्वच्छ भारत मिशन की उड़ रही धज्जियां: खुटहा गांव में बजबजाती नालियां और दूषित पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

प्रशासनिक अनदेखी और जनप्रतिनिधियों की बेरुखी से त्रस्त गांववासी… किसके भरोसे सुधरेगा गांव का हाल?

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 चित्रकूट की ग्राम पंचायत खुटहा में स्वच्छता अभियान की सच्चाई सामने आई है—गंदगी से बजबजाती नालियां, दूषित पानी और प्रशासनिक अनदेखी से त्रस्त ग्रामीणों की पुकार। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट. एक ओर सरकार “स्वच्छ भारत मिशन” को धरातल पर उतारने का दावा कर रही है, तो दूसरी ओर ज़मीनी हकीकत इस मिशन की पोल खोलती नज़र आ रही है। सदर ब्लॉक कर्वी की ग्राम पंचायत खुटहा में हालात इतने खराब हैं कि नालियां बजबजा रही हैं, रास्तों पर कीचड़ फैला है और लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। इसके बावजूद न तो कोई जिम्मेदार अधिकारी सक्रिय नज़र आ रहा है और न ही जनप्रतिनिधियों को इन समस्याओं से कोई सरोकार दिख रहा है।

स्वच्छता का अभाव, बीमारियों की दावत

गांव के अंदर झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग से खोही भरतकूप संपर्क मार्ग तक गंदगी का अंबार लगा हुआ है। इस रास्ते पर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय तक पहुंचने के लिए छोटे-छोटे बच्चों को कीचड़ भरे रास्ते से होकर जाना पड़ता है।

यह दृश्य “स्वच्छता अभियान” की असलियत को उजागर करता है।

इसके अलावा, गांव में सफाई कर्मियों की अनुपस्थिति और उनका सरकारी कार्यालयों में आवभगत में व्यस्त रहना दर्शाता है कि गांव की सफाई सिर्फ कागजों पर ही हो रही है।

 हैंडपंप के चारों ओर गंदगी, ग्रामीण पी रहे दूषित पानी

ग्राम पंचायत खुटहा के पटेल समुदाय की बस्ती में स्थित हैंडपंप प्रशासन की पेयजल व्यवस्था की हकीकत बयां करता है। चारों ओर भरी गंदगी और उसमें जमा पानी से हैंडपंप का पानी भी दूषित हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस पानी से कीड़े निकलने लगते हैं, लेकिन कोई उपाय नहीं किया जा रहा।

📢 “जीत आपकी चलो गांव की ओर” अभियान के संस्थापक संजय सिंह राणा ने उठाई आवाज़

सामाजिक संस्था जीत आपकी चलो गांव की ओर के अध्यक्ष संजय सिंह राणा ने गांव पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान और सचिव तक इस गंभीर स्थिति पर कोई ध्यान नहीं दे रहे। सदर विधायक अनिल प्रधान पर भी ग्रामीणों ने जमकर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव के बाद उन्होंने गांव की सुध तक नहीं ली।

ई-रिक्शा सिर्फ कागजों में, गांव की सफाई राम भरोसे

सरकार द्वारा स्वच्छता के लिए ई-रिक्शा तक उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन सफाई कर्मचारी उसे गांव की सफाई में इस्तेमाल करने के बजाय कार्यालयों में घूमते नजर आते हैं। इससे गांवों में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है।

जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश हवा में

हाल ही में जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जी एन और मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर ने सख्त निर्देश दिए हैं कि बदलते मौसम को देखते हुए गांवों में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। बावजूद इसके खुटहा गांव सहित अन्य ग्राम पंचायतों में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।

क्या सरकार और प्रशासन अब भी जागेगा?

स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने के लिए यदि गांवों की अनदेखी जारी रही तो यह सिर्फ एक प्रचार अभियान बनकर रह जाएगा। सवाल यह है कि आखिर कब प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस गंभीर मुद्दे पर ठोस कदम उठाएंगे?

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samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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