ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
नोएडा से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं, जहां एक वृद्धाश्रम में बुजुर्गों को जानवरों से भी बदतर हालात में रखा गया था।
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यह मामला तब उजागर हुआ जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक बुजुर्ग महिला को रस्सियों से बांधकर कमरे में बंद पाया गया। वीडियो सामने आते ही यह मामला लखनऊ स्थित समाज कल्याण विभाग तक पहुंचा और इसके बाद शुरू हुआ कार्रवाई का सिलसिला।
शर्मनाक स्थिति: नोएडा के वृद्धाश्रम में बुजुर्गों को बंधन में रखा गया! देखें सच्चाई सामने लाता यह वीडियो।
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— Ashok Yadav Media (@AshokYadavMedia) June 26, 2025
औचक निरीक्षण ने खोली वृद्धाश्रम की सच्चाई
- एक बुजुर्ग महिला को कपड़ों से बांधकर कमरे में बंद किया गया था।
- बुजुर्गों के शरीर पर मल-मूत्र से सने कपड़े थे।
- कई बुजुर्गों के पास पहनने के लिए पूरे कपड़े तक नहीं थे।
- तहखाने जैसे गंदे और अंधेरे कमरों में उन्हें बंद किया गया था।
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देखभाल के नाम पर काली कमाई
प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, वृद्धाश्रम ने बुजुर्गों के परिवारों से लाखों का दान लिया था:
- 2.5 लाख रुपये प्रति बुजुर्ग बतौर ‘डोनेशन’
- हर महीने 6 हजार रुपये खाने-पीने व देखभाल के नाम पर
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जबकि हकीकत में वहां न कोई प्रशिक्षित स्टाफ था और न ही कोई मेडिकल सुविधा।
राज्य महिला आयोग की आंखों देखी
“यहां एक महिला जो कभी डॉक्टर थी, आज मानसिक अस्थिरता के नाम पर बांधकर रखी गई है। जब मैंने उससे बात की, तो वह सामान्य प्रतीत हुई। उसके शरीर में नशे का असर था, जो स्पष्ट करता है कि उसे कुछ खिलाया गया था।”
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राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला ने बताया कि वृद्धाश्रम की हालत किसी जेल से भी बदतर थी। न देखभाल, न भोजन, न मानवीयता।
वायरल वीडियो से टूटा पर्दा
इस अमानवीय व्यवहार का खुलासा वायरल वीडियो से हुआ, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और छापा मारा गया।
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तत्काल रेस्क्यू और स्थानांतरण की व्यवस्था
- छापेमारी के दौरान 39 बुजुर्गों को तुरंत रेस्क्यू किया गया।
- सभी को एक सप्ताह में सरकारी ओल्ड ऐज होम में स्थानांतरित किया जाएगा।
- वृद्धाश्रम के ट्रस्टी को नोटिस जारी कर दिया गया है।
- संचालक मौके से फरार है और उसकी तलाश जारी है।
नोएडा पुलिस ने क्या कहा?
“महिला आयोग की शिकायत के आधार पर छापा मारा गया।गंभीर अनियमितताओं के चलते वृद्धाश्रम को सील करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।साथ ही FIR दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।”
मुद्दा: वृद्धाश्रम या शोषण केंद्र?
यह घटना केवल एक वृद्धाश्रम की सच्चाई नहीं है, बल्कि हमारे सामाजिक ढांचे की विफलता का प्रतीक बन चुकी है।
- क्या वृद्धाश्रम अब सेवा नहीं, शोषण के केंद्र बनते जा रहे हैं?
- क्या प्रशासन की निगरानी प्रणाली पूरी तरह असफल हो गई है?
- क्या समाज अपने बुजुर्गों के प्रति जिम्मेदारी से विमुख हो चुका है?
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