तंजीन फातिमा ने आज़म खान से जेल में मिलने के बाद अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोला—”समाजवादी पार्टी से कोई उम्मीद नहीं।” अखिलेश बोले- “हम क्या कर सकते हैं।” कांग्रेस के इमरान मसूद ने मौके को बनाया हथियार। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ। सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान से मुलाक़ात कर लौटीं उनकी पत्नी तंजीन फातिमा ने एक बार फिर से सपा नेतृत्व पर सीधा हमला बोला है।
राज्यसभा की पूर्व सांसद तंजीन ने तल्ख़ लहजे में कहा—”अब समाजवादी पार्टी से कोई उम्मीद नहीं है, मुझे बस अल्लाह से उम्मीद है।”
यह बयान सपा प्रमुख अखिलेश यादव को साफ तौर पर बैकफुट पर ले आया है।
👉 जेल में आम लेकर पहुंचीं तंजीन, बाहर आकर सपा पर बरसीं
कुछ समय पहले तक तंजीन फातिमा खुद भी जेल में थीं। लेकिन इस बार जब उन्होंने सीतापुर जेल जाकर अपने पति से मुलाकात की, तो अपने साथ आज़म खान के पसंदीदा आम लेकर गईं। बाहर निकलते ही उन्होंने प्रेस से बातचीत में कहा—
“हमारी लड़ाई सिर्फ अल्लाह के सहारे है। किसी इंसान से अब कोई आस नहीं।”
🗣 अखिलेश यादव का जवाब: “सरकार, कोर्ट और ऊपर वाला…बस यही रास्ते हैं”
तंजीन फातिमा के तीखे बयान पर जब मीडिया ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से प्रतिक्रिया मांगी, तो उनका जवाब कुछ निराशाजनक रहा। उन्होंने कहा—
“हम क्या कर सकते हैं? सरकार जब ज़ुल्म करती है तो उसे हटाना ही एक रास्ता है। दूसरा रास्ता अदालत है और तीसरा ऊपर वाला यानी भगवान।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि आज़म खान को राहत केवल सरकार बदलने, न्यायपालिका, या फिर ईश्वरीय कृपा से ही मिल सकती है।
🔁 “हर जिद पूरी की गई”, सपा नेता एस.टी. हसन का पलटवार
तंजीन के आरोपों को नकारते हुए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एस.टी. हसन ने कहा—
“पार्टी ने आज़म खान की हर जिद पूरी की है। तंजीन फातिमा के आरोप तथ्यहीन हैं।”
गौरतलब है कि एस.टी. हसन वही नेता हैं जिनका टिकट आज़म खान की सिफारिश पर काटा गया था। फिर भी हसन ने पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा जताई और आज़म को गलत नहीं कहा।
🔥 कांग्रेस नेता इमरान मसूद की चुभती बात: “सपा में मुसलमान दरी बिछाते हैं”
इस पूरे घटनाक्रम के बीच कांग्रेस नेता इमरान मसूद भी सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने तंजीन फातिमा के बयान को समर्थन देते हुए कहा—
“समाजवादी पार्टी में मुसलमान दरी बिछाने तक सीमित हैं। अखिलेश यादव चाहते तो आज़म को इतनी जिल्लत नहीं सहनी पड़ती।”
इमरान मसूद, जो पहले भी सपा नेतृत्व पर सवाल उठाते रहे हैं, अब चाहते हैं कि आज़म खान कांग्रेस से जुड़ें। मसूद की रणनीति साफ़ है—वे आज़म की नाराज़गी को राजनीतिक अवसर में बदलना चाहते हैं।
🔍 अंदरूनी कलह: जिया उर रहमान और इकरा हसन को तरजीह, आज़म उपेक्षित
आज़म खान का एक और दर्द यह है कि अखिलेश यादव अब अन्य मुस्लिम चेहरों को आगे बढ़ा रहे हैं। चाहे संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क हों या कैराना की सांसद इकरा हसन, आज़म समर्थकों को लगता है कि सपा अब आज़म की जगह नए चेहरों पर भरोसा जता रही है।
तंजीन फातिमा के बयान से समाजवादी पार्टी में एक बार फिर मुस्लिम नेतृत्व की उपेक्षा का मुद्दा गरमा गया है। आज़म खान की लंबी राजनीतिक यात्रा, संघर्ष और अब उनकी उपेक्षा—इन सबने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सपा अपने पुराने दिग्गज नेताओं को भूलती जा रही है? वहीं कांग्रेस नेता इमरान मसूद जैसे लोग इस पूरे घटनाक्रम को नया राजनीतिक मोड़ देने की तैयारी में हैं।