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11 March 2025 11:14 pm

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पत्रकार की हत्या के 48 घंटे के भीतर तीन बार गूंजीं गोलियां, दहल उठा सीतापुर

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ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

सीतापुर में अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। बीते 48 घंटे के अंदर गोलीबारी की तीन घटनाओं ने जिले में दहशत का माहौल बना दिया है। लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर शनिवार को दिनदहाड़े पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी (35) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के महज एक दिन बाद सोमवार को दो और अलग-अलग स्थानों पर गोली चलने की घटनाएं सामने आईं।

स्थानीय लोगों में पुलिस प्रशासन के खिलाफ आक्रोश

लगातार हो रही फायरिंग की घटनाओं से स्थानीय लोग आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि अपराधियों के मन में पुलिस का डर खत्म हो गया है। खुलेआम हो रही इन वारदातों से पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। लोगों का मानना है कि अगर जल्द ही सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो अपराधियों के हौसले और बुलंद हो जाएंगे।

वकील के मुंशी और युवक को मारी गोली

सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को दो घंटे के अंतराल में दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में गोलियां चलीं। पहली घटना शहर कोतवाली क्षेत्र में हुई, जहां एक वकील के मुंशी को गोली मारी गई। दूसरी वारदात रामकोट थाना क्षेत्र में घटी, जहां एक युवक को गोली मार दी गई।

पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की हत्या से मचा हड़कंप

शनिवार को सीतापुर में सबसे बड़ी वारदात तब हुई जब लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना के वक्त वे बाइक से महोली स्थित अपने घर जा रहे थे। हेमपुर ओवरब्रिज के पास बाइक सवार बदमाशों ने उनकी बाइक को टक्कर मारकर गिरा दिया। इसके बाद अपराधियों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं और फरार हो गए।

मौके पर पहुंची पुलिस, जांच जारी

गोलियों की आवाज सुनकर आसपास के लोग घटनास्थल पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने घायल राघवेंद्र को जिला अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। फिलहाल, पुलिस हत्या के कारणों की जांच कर रही है और हमलावरों की तलाश में दबिश दे रही है। हालांकि, अब तक अपराधियों की पहचान नहीं हो सकी है।

सीतापुर में बढ़ते अपराध, पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल

बीते 48 घंटे में हुई गोलीबारी की तीन घटनाओं ने जिले में कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। एक के बाद एक हो रही वारदातें दर्शाती हैं कि बदमाशों के मन में पुलिस का खौफ खत्म हो चुका है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस चुनौती से कैसे निपटता है और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए क्या कदम उठाता है।

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