प्रतापगढ़ जिले के बलई ग्रामसभा में प्रधान मुकुंद यादव की दबंगई और सुरेश यादव पर हुए हमले की घटना वायरल हो गई है। जानिए कैसे पुलिस और प्रशासन इस विवाद में निष्क्रिय रहे।
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
प्रतापगढ़ जिले के बलई ग्रामसभा में इस समय ग्राम प्रधान मुकुंद यादव की दबंगई चर्चा का विषय बनी हुई है। अक्सर सोशल मीडिया पर उनकी करतूतें वायरल होती रहती हैं। अब उन्होंने एक और विवाद खड़ा कर दिया है, जब उन्होंने पूर्व प्रधान के बेटे सुरेश यादव पर हमला किया। यह घटना शनिवार को हुई, जब सुरेश यादव द्वारा एक विवादित जमीन पर निर्माण कार्य किया जा रहा था, और प्रधान मुकुंद यादव ने उस पर अपना दावा ठोक दिया था।
इससे पहले शुक्रवार को तीन पक्षों ने एक ही भूमि को अपनी संपत्ति बताकर थाने में प्रार्थना पत्र दिए थे। शनिवार को समाधान दिवस के दौरान एसओ ने पुलिस और राजस्व टीम को मौके पर भेजकर निस्तारण का आदेश दिया था, लेकिन पुलिस और राजस्व टीम महज हवाई सर्वे तक सीमित रही। इसी विवादित भूमि पर सुरेश यादव का निर्माण कार्य चल रहा था, जिसे लेकर प्रधान ने उन पर फावड़ा लेकर हमला किया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे प्रधान मुकुंद यादव और उनके सहयोगी प्रतीक उर्फ मोनू और अभिषेक ने सुरेश यादव को बेरहमी से पीटा। हैरान करने वाली बात यह है कि यह जमीन महेशगंज थाना से महज एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या यह पूरी घटना प्रधान की दबंगई का परिणाम है?
ग्राम सभा के लोग बताते हैं कि प्रधान मुकुंद यादव अपनी दबंगई को लेकर पूरे क्षेत्र में चर्चित हैं। वह खुलेआम कहते हैं कि उन्होंने थाने को खरीद लिया है और कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इस घटना के बाद भी महेशगंज पुलिस ने ग्राम प्रधान पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या पुलिस वास्तव में प्रधान के प्रभाव में है?
क्यों बढ़ी यह विवादित घटना?
गौरतलब है कि सुरेश यादव आगामी ग्राम प्रधानी चुनाव में ताल ठोकने की तैयारी कर रहे थे, और यह बात प्रधान मुकुंद यादव को रास नहीं आ रही थी। सुरेश यादव का अपने ग्रामसभा में मजबूत जनाधार है, क्योंकि उनके पिता श्रीनाथ यादव पूर्व प्रधान रह चुके हैं।