ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
वक्फ संशोधन कानून को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा के बाद अब सियासत गरमा गई है। राजा भैया ने इसे सुनियोजित हमला करार दिया और हिंदुओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए।
वक्फ संशोधन कानून को लेकर देश में सियासी हलचल के बीच पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले से आई हिंसा की खबरें अब राष्ट्रीय बहस का विषय बन चुकी हैं। बिल के कानून बनने के बाद शुरू हुआ विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस बीच जहां एक ओर सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा पर चिंता जताई, वहीं दूसरी ओर राजनीति का पारा भी चढ़ता जा रहा है।
मुर्शिदाबाद में हिंसक प्रदर्शन, जानमाल का भारी नुकसान
सूत्रों के मुताबिक, वक्फ कानून के विरोध में मुर्शिदाबाद में उग्र प्रदर्शन हुए। यह प्रदर्शन इस कदर हिंसक हो गया कि कई लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों दुकानें और घर जलाकर राख कर दिए गए। हालात बेकाबू होने पर पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। स्थानीय लोग भय के साए में जीने को मजबूर हैं।
राजा भैया का तीखा बयान: “बिल तो बहाना है, मकसद काफ़िरों को मिटाना है”
प्रतापगढ़ के कुंडा से विधायक और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लगातार पोस्ट कर इस हिंसा को सुनियोजित साजिश करार दिया।
राजा भैया ने लिखा,
“यह कहना कि हिंसा वक्फ कानून के विरोध में हुई, एक झूठ है। जिन लोगों को मारा गया, जिनके घर और दुकानें जलाई गईं, वे इस कानून से अनभिज्ञ थे। फिर उन्हें क्यों निशाना बनाया गया? यह हमला योजनाबद्ध था।”
संविधान में ‘वक्फ’ शब्द नहीं था: राजा भैया
राजा भैया ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि,
“बाबा साहब के संविधान में ‘वक्फ’ जैसा कोई शब्द नहीं था। अब इस कानून के नाम पर जो कुछ भी हो रहा है, वह पूरी तरह असंवैधानिक है।”
उन्होंने इस अवसर पर दलित और पिछड़े वर्ग के नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि,
“जिन्हें सबसे पहले बोलना चाहिए था, वे चुप हैं। ये चुप्पी और भी ज्यादा चिंताजनक है।”
“हिंदू कब तक भागेगा?” – पलायन पर उठाया सवाल
राजा भैया ने उन पीड़ित परिवारों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि,
“जिनकी हत्या की गई, जिनके घर लूटे गए, वे लोग न तो डीजे बजा रहे थे, न ही किसी आंदोलन का हिस्सा थे। फिर उनका कसूर क्या था?”
उन्होंने पूछा,
“बांग्लादेश से भागकर भारत आए हिंदू अब कहां जाएं? भारत में भी अगर हम सुरक्षित नहीं हैं तो विकल्प क्या है?”
सीएम योगी और ममता बनर्जी आमने-सामने
इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि,
“बंगाल जल रहा है और मुख्यमंत्री दंगाइयों को शांति का दूत बता रही हैं। इस अराजकता पर अब अंकुश लगाना जरूरी है।”
योगी ने यह भी जोड़ा कि,
“इन दंगाइयों का इलाज सिर्फ लाठी है। बातों से ये मानने वाले नहीं हैं।”
इसके जवाब में सीएम ममता बनर्जी ने योगी आदित्यनाथ पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे बयान से स्थिति और ज्यादा खराब हो सकती है।
वक्फ कानून को लेकर उपजे विवाद ने अब सांप्रदायिक तनाव और राजनीतिक घमासान का रूप ले लिया है। मुर्शिदाबाद की हिंसा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देश में धार्मिक और सामाजिक संतुलन को बनाए रखने की दिशा में अब ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
राजा भैया का बयान और सीएम योगी की प्रतिक्रिया यह बताने के लिए काफी हैं कि अब यह सिर्फ एक कानूनी मसला नहीं रहा, बल्कि यह राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने से जुड़ा मुद्दा बन गया है।