google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
पश्चिम बंगाल

कोलकाता बलात्कार-हत्या मामला: इंसाफ की ओर बढ़ा एक और कदम

IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
IMG_COM_202505222101103700

 सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में कोर्ट ने अभियुक्त संजय राय को दोषी करार दिया है। सियालदह कोर्ट के स्पेशल जज अनिर्बान दास ने शनिवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि सीबीआई द्वारा पेश किए गए सबूतों ने अभियुक्त का अपराध सिद्ध कर दिया है। अदालत सोमवार को इस मामले में सज़ा का ऐलान करेगी।

घटना का विवरण

यह दर्दनाक घटना 9 अगस्त 2024 को सामने आई, जब 31 वर्षीय महिला ट्रेनी डॉक्टर का शव अस्पताल के कॉन्फ्रेंस रूम में पाया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि पहले उनके साथ बलात्कार किया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई। डॉक्टर खाना खाने के बाद कॉन्फ्रेंस रूम में सोने चली गई थीं। पुलिस के अनुसार, यह अपराध रात 3 बजे से सुबह 6 बजे के बीच हुआ।

इस घटना ने कोलकाता समेत पूरे पश्चिम बंगाल को हिला कर रख दिया। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर न्याय की मांग की, और डॉक्टरों की हड़ताल के चलते राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं दो महीने तक प्रभावित रहीं।

जांच और गिरफ्तारी

घटना के अगले दिन, 10 अगस्त 2024 को, पुलिस ने एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया। कुछ घंटों के भीतर सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों की मदद से अभियुक्त संजय राय को गिरफ्तार कर लिया गया। सेमिनार हॉल से बरामद एक टूटा हुआ ब्लूटूथ इयरफोन जांच का अहम सुराग बना, जो अभियुक्त के फोन से जुड़ा पाया गया।

सीबीआई जांच और विवाद

13 अगस्त 2024 को, कोलकाता हाई कोर्ट ने राज्य पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए मामला सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई ने अपनी जांच के तहत अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, ठेकेदारों, और टाला थाना के प्रभारी अभिजीत मंडल को साक्ष्य मिटाने के आरोप में गिरफ्तार किया। हालांकि, दिसंबर 2024 में संदीप घोष और अभिजीत मंडल को जमानत मिल गई, जिससे पीड़िता के परिवार ने असंतोष जताया।

परिवार और जन आंदोलन की भूमिका

पीड़िता के माता-पिता ने सीबीआई जांच पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट और कोलकाता हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर कीं। उन्होंने विशेष अदालत को सज़ा सुनाने से रोकने और मामले की फिर से जांच की मांग की। इस घटना के विरोध में राज्य भर में प्रदर्शन हुए, जिनमें ‘रीक्लेम द नाइट’ जैसे अभियान ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए आवाज़ उठाई।

राजनीतिक और प्रशासनिक प्रभाव

घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर विपक्ष और प्रदर्शनकारियों का भारी दबाव पड़ा। उन्होंने डॉक्टरों से मुलाकात कर सुरक्षा उपायों के लिए 100 करोड़ रुपये की मंजूरी दी और पुलिस व स्वास्थ्य विभाग में तबादले किए।

महिलाओं की सुरक्षा के लिए नए कानून

इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा ने सितंबर 2024 में ‘अपराजिता महिला और बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक, 2024’ पारित किया। इस कानून में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए सख्त प्रावधान शामिल किए गए।

आगे की कार्रवाई

इस मामले में अब तक 123 गवाहों में से केवल 50 की गवाही हुई है। पीड़िता के माता-पिता का कहना है कि सीबीआई ने उनकी पत्नी का बयान तक दर्ज नहीं किया। अदालत सोमवार को संजय राय को सज़ा सुनाएगी, जिससे यह तय होगा कि पीड़िता को न्याय मिल पाता है या नहीं।

[the_ad id=”122669″]

यह मामला न केवल न्याय व्यवस्था की परीक्षा है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा और समाज में उनके प्रति संवेदनशीलता का भी प्रतिबिंब है।

176 पाठकों ने अब तक पढा
samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close
Close