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November 22, 2024 6:20 pm

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‘धर्म की आड़ में बीजेपी के लिए काम न करें…बांकुड़ा रैली में बहन जी ने कार्तिक महाराज पर साधा निशाना 

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सर्वेश द्विवेदी के साथ रोहित कुमार महतो की रिपोर्ट

कोलकाता: लोकसभा चुनावों के बीच रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन, भारत सेवाश्रम संघ और इस्कॉन के संतों की आलोचना के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी थोड़ी नरम पड़ी है, हालांकि उन्होंने बांकुड़ा की रैली में कार्तिक महाराज को निशाने पर रखा।

बिष्णुपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत ओंडा में पार्टी उम्मीदवार सुजाता मंडल खान के समर्थन में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं किसी संस्था या रामकृष्ण मिशन के ख़िलाफ नहीं हूं। मैंने कुछ व्यक्तियों के बारे में बात की। ऐसे ही एक व्यक्ति हैं कार्तिक महाराज। मुझे जानकारी मिली है कि वह धर्म की आड़ में बीजेपी के लिए काम करते हैं। उन्हें राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने का पूरा अधिकार है, लेकिन किसी का आड़ लेने के बजाय उन्हें सार्वजनिक रूप से बीजेपी के पक्ष में सामने आना चाहिए।”

ममता को भेजा था कानूनी नोटिस

सीएम ममता का यह स्पष्टीकरण भारत सेवाश्रम संघ की मुर्शिदाबाद जिले की बहरामपुर इकाई से जुड़े संत कार्तिक महाराज द्वारा उनकी टिप्पणी पर उन्हें भेजे गए कानूनी नोटिस के बाद आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं रामकृष्ण मिशन के खिलाफ क्यों बोलूंगी? अभी कुछ दिन पहले मिशन के एक संत बीमार पड़े, तो मैं उनसे मिलने गई। उनके साथ मेरे बेहद अच्छे रिश्ते हैं। मैंने स्वामी विवेकानंंद, मां शारदा और भगिनी निवेदिता के आवासों का जीर्णोद्धार कराया। लेकिन सभी एक जैसे नहीं होते। मैंने केवल उन लोगों के बारे में बात की जो अलग हैं। 

राजनीतिक हलके में माना जा रहा है कि रामकृष्ण मिशन के लाखों अनुयायियों में गैर-हिंदुओं के भी शामिल होने का एहसास होने पर मुख्यमंत्री का रुख नरम पड़ा है। रामकृष्ण मिशन और शारदा मिशन द्वारा संचालित स्कूलों में कई गैर-हिंदू छात्र भी पढ़ते हैं। इन शैक्षणिक संस्थानों के स्टॉफ में हिंदू धर्म के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी शामिल हैं। 

स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित इस संस्थान की ओर से संचालित अस्पतालों में कई गैर-हिंदू डॉक्टर भी सेवा देते हैं। मैने हमेशा रामकृष्ण मिशन, हिंदू मठ निकायों और अन्य धार्मिक संगठनों का समर्थन किया है।

मैं नहीं करती हूं भेदभाव

बारासात में आयोजित रैली में ममता ने कहा कि मैं धर्मों के बीच भेदभाव नहीं करती हूं। उन्होंने कहा कि वह सभी धर्मों के उपासना स्थलों के जीर्णोद्धार के लिए काम करती हैं। चुनावी रैली में ममता ने कहा कि संदेशखाली की महिलाओं के साथ जो भी हुआ है, उससे मैं दुखी हूं। बीजेपी को उनकी गरिमा के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए था। 

बीजेपी ने 4 जनवरी को संदेशखाली में ईडी की टीम पर हमले के बाद इस मामले को काफी जोरशोर से उठाया था। ममता बनर्जी का यह पहला बयान है। जिसमें उन्होंने संदेशखाली की महिलाओं से हमदर्दी व्यक्त की है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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