लश्कर-ए-तैयबा के टॉप आतंकी सैफुल्लाह की पाकिस्तान में मौत की खबर के बीच बीजेपी सांसद बृजलाल ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर आतंकियों के केस वापस लेने का आरोप लगाया है। पढ़ें पूरी खबर।
संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
लखनऊ: भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकवादी सैफुल्लाह के पाकिस्तान में मारे जाने की खबर ने एक बार फिर आतंकी हमलों की काली यादों को ताजा कर दिया है। सैफुल्लाह पर भारत में कई बड़े आतंकी हमलों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने का आरोप है। बताया जा रहा है कि वह रामपुर CRPF कैंप, इंडियन साइंस कांग्रेस और RSS मुख्यालय नागपुर पर हुए हमलों का मास्टरमाइंड रहा है।
इस बीच, बीजेपी सांसद और यूपी के पूर्व डीजीपी बृजलाल ने सैफुल्लाह की मौत पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि अखिलेश यादव की सरकार ने सत्ता में आते ही आतंकवाद से जुड़े 14 केस वापस ले लिए थे, जिनमें पाकिस्तानियों के भी केस शामिल थे।
सैफुल्लाह: काठमांडू से ऑपरेट करता था भारत में आतंक
बृजलाल ने बताया कि सैफुल्लाह नेपाल की राजधानी काठमांडू में रहकर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता था। वर्ष 2005 में इंडियन साइंस कांग्रेस पर हुए हमले में प्रोफेसर पुरी की मौत हुई थी, जिसकी साजिश सैफुल्लाह ने रची थी। इसके अलावा, नागपुर स्थित RSS कार्यालय पर हमले की योजना भी उसी ने बनाई थी, जिसमें उसके चार गुर्गे मारे गए थे।
रामपुर CRPF अटैक और केस वापसी का विवाद
बृजलाल ने कहा कि 1 जनवरी 2008 को रामपुर में हुए CRPF कैंप पर आतंकी हमले में 7 जवान शहीद हो गए थे। उस हमले में शामिल आतंकियों के खिलाफ उन्होंने साक्ष्य जुटाकर चार्जशीट दाखिल करवाई थी। लेकिन, जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने, तब इमरान शहजाद और मोहम्मद फारुख गुजरावाला जैसे आतंकियों के केस भी वापस ले लिए गए थे।
हाईकोर्ट का हस्तक्षेप और सजा
हालांकि, बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में दखल देते हुए दोषियों को फांसी की सजा सुनाई। बृजलाल का कहना है कि अगर समय पर कोर्ट ने हस्तक्षेप न किया होता, तो इन आतंकियों को भी “गाजी” बना दिया गया होता, जैसा कि पाकिस्तान में सैफुल्लाह को घोषित किया गया।
बीजेपी सांसद की अखिलेश यादव से माफी की मांग
बृजलाल ने स्पष्ट रूप से कहा कि अखिलेश यादव को अपने फैसलों के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि देशद्रोह और आतंक जैसे मामलों में नरमी दिखाकर अखिलेश ने गंभीर गलती की है।