आजमगढ़ के डीएम रविंद्र कुमार के कार्यकाल में जिले की रैंकिंग और कार्यप्रणाली में दिख रहा बदलाव। विकास कार्यों में बाधा डालने वाले अधिकारियों पर सख्त रुख अपनाते हुए डीएम ने दी कड़ी चेतावनी।
जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़ जनपद में प्रशासनिक सुधारों और विकास की रफ्तार को नई दिशा देने में जुटे जिलाधिकारी रविंद्र कुमार एक बार फिर चर्चा में हैं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि “मैं हाथ का नहीं, कलम का वार करता हूं। जो भी अधिकारी विकास कार्यों में बाधक बन रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
दरअसल, जबसे आईएएस अधिकारी रविंद्र कुमार ने आजमगढ़ के डीएम के रूप में कार्यभार संभाला है, तबसे जिले की ग्रेडिंग और रैंकिंग में निरंतर सुधार देखने को मिला है।
मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर भी जनपद का प्रदर्शन पहले से बेहतर हुआ है। यही वजह है कि आम जनता के बीच यह बात तेजी से फैल रही है कि आजमगढ़ को एक कर्मठ और ज़मीनी डीएम मिला है, जो वास्तव में बदलाव ला रहे हैं।
कड़ी मेहनत और सतर्क निगरानी का असर
रविंद्र कुमार ने अपने कार्यकाल की शुरुआत में ही पारंपरिक कार्यशैली को दरकिनार करते हुए गाँव-गाँव का दौरा शुरू किया। उन्होंने न केवल वास्तविक स्थितियों को देखा, बल्कि कई महत्वपूर्ण खामियों की पहचान कर तत्काल सुधार भी शुरू कर दिया। इसके साथ ही वर्षों से एक ही स्थान पर जमे कई राजस्वकर्मियों के तबादले भी किए, जिससे प्रशासनिक निष्पक्षता और जवाबदेही की भावना को बल मिला।
कुछ अफसरों को रास नहीं आ रही पारदर्शिता
हालांकि, सुधार की यह लहर कुछ विभागीय अधिकारियों को रास नहीं आ रही। वे अब डीएम की छवि को धूमिल करने की कोशिशों में जुटे हैं। रविंद्र कुमार ने इस संदर्भ में सख्त लहजे में कहा कि “जब किसी का काम नहीं होता, तो वे आरोप लगाना शुरू कर देते हैं। यही इस ज़माने की विडंबना है।”
पूर्व डीएम और रविंद्र कुमार में स्पष्ट अंतर
गौरतलब है कि पूर्व में आए कई जिलाधिकारियों ने फाइलों तक ही सीमित रहकर शासन किया। कुछ तो अपने वातानुकूलित दफ्तरों से बाहर निकलने में भी हिचकिचाते थे। इसके विपरीत रविंद्र कुमार ने फील्ड में जाकर स्वयं निगरानी की परंपरा शुरू की है। इसी का नतीजा है कि जिले में अब पारदर्शिता, जवाबदेही और जनता के साथ प्रत्यक्ष संवाद को प्राथमिकता दी जा रही है।
स्पष्ट संदेश: विकास में बाधा नहीं सहेंगे
डीएम रविंद्र कुमार का यह साफ संदेश है कि जो भी अधिकारी या कर्मचारी जिले के विकास में अड़चन डालेंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उनका उद्देश्य केवल और केवल जनता को बेहतर सुविधाएं और सुशासन देना है।
आजमगढ़ जैसे बड़े और संवेदनशील जिले में अगर डीएम ईमानदारी से सुधार लाने की कोशिश कर रहे हैं, तो यह पूरे प्रदेश के लिए एक सकारात्मक संकेत है। जनता की अपेक्षाएं अब और भी बढ़ गई हैं, और रविंद्र कुमार उन उम्मीदों पर खरे उतरने के प्रयास में लगे हैं।