आजमगढ़ में आयोजित विश्वकर्मा एकीकरण अभियान का 23वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। सामाजिक समरसता, जातिगत जनगणना, और राजनीतिक भागीदारी पर जोर देने वाले वक्तव्यों के साथ कार्यक्रम ऐतिहासिक बन गया।
जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़। आजमगढ़ के विकास भवन स्थित हरीऔधकला केंद्र सभागार में विश्वकर्मा एकीकरण अभियान का 23वां स्थापना दिवस बड़े ही उत्साह और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ श्री भगवान विश्वकर्मा के चित्र पर दीप प्रज्वलन, माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया।
🪔 भव्य आयोजन में सामाजिक एकता का संदेश
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. वृंद कुमार शर्मा ने अपने वक्तव्य में सामाजिक समरसता पर बल देते हुए भगवान विश्वकर्मा के पांचों वंशजों से एकजुटता का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि—
“जातिगत जनगणना में हमारी एकजुट भागीदारी ही हमारे भविष्य को दिशा दे सकती है।”
साथ ही उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों का अभिनंदन करते हुए यह भी बताया कि पूर्व आईएएस जे. एन. विश्वकर्मा की अस्वस्थता के कारण वे स्वयं कार्यक्रम में नहीं आ सके, किंतु उन्होंने प्रो. शर्मा को भेजकर आयोजन को गरिमा प्रदान की।
🧭 विशिष्ट अतिथि का समाज को एकता का संदेश
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश संयोजक एवं महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव मोहन शिल्पकार ने अपने संबोधन में कहा—
“अब समय है कि हम न केवल सामाजिक बल्कि राजनीतिक, आर्थिक और शैक्षणिक क्षेत्र में भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।”
“एक बनो, नेक बनो और देश की समरसता को सशक्त बनाओ।”
👏 गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति से कार्यक्रम में बढ़ी शोभा
इस अवसर पर अनेक सम्मानित व्यक्तित्वों ने अपने विचार रखे। इनमें प्रमुख रूप से—
अनिल विश्वकर्मा (जेलर), भारत लाल विश्वकर्मा (शिक्षक नेता), राजेश कुमार राय (सामाजिक कार्यकर्ता), इंजीनियर विनोद कुमार शर्मा, डॉ. राजेश कुमार विश्वकर्मा (अधिवक्ता, उच्च न्यायालय इलाहाबाद), माया देवी ठठेरा (प्रदेश अध्यक्षा, महासभा)।
इन सभी ने अपने-अपने वक्तव्यों में समाज की उन्नति और एकजुटता पर जोर दिया।
🎖️ अतिथियों का सम्मान और बौद्ध प्रेरणा का स्मरण
मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों को भगवान विश्वकर्मा एवं भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्रों के साथ अंगवस्त्र और माला पहनाकर स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। यह आयोजन एक आध्यात्मिक और सामाजिक चेतना का प्रतीक बनकर उभरा।
🪪 कार्यक्रम की अध्यक्षता व संचालन
इस ऐतिहासिक आयोजन की अध्यक्षता रमाकांत ठठेरा (प्रदेश अध्यक्ष, महासभा) ने की, वहीं कार्यक्रम का कुशल संचालन किया बेचू विश्वकर्मा (मंडल प्रभारी, आजमगढ़), जो आयोजन के प्रमुख संयोजक भी रहे।
👥 उल्लेखनीय उपस्थिति
कार्यक्रम में निम्नलिखित प्रमुख पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे:
डॉ. वीकेंनदर विश्वकर्मा, डॉ. अखिलेश विश्वकर्मा, उमेश विश्वकर्मा, अवधेश ठठेरा, वासुदेव ठठेरा, डॉ. पी. के. विश्वकर्मा, डॉ. केदार, रजनीश विश्वकर्मा, मोनू विश्वकर्मा ‘स्टार’, शिवनारायण कटेरा उर्फ मुन्ना, श्रीमती मुन्नी यादव, सुलेखा यादव, सुनीता विश्वकर्मा, पुष्पा गौतम, कविता सरोज, पूजा सरोज, कंचन विश्वकर्मा, संगीता गौतम।
🗳️ क्या विश्वकर्मा समाज को अब राजनीति में खुलकर भाग लेना चाहिए?
इनके साथ ही हजारों की संख्या में समाज के लोग कार्यक्रम में सहभागी बने, जिससे आयोजन ऐतिहासिक बन गया।