आजमगढ़ के अतरौलिया थाना क्षेत्र में गोलीकांड का पुलिस ने किया बड़ा खुलासा, सास की मौत के मामले में दामाद और उसके दोस्त को किया गया गिरफ्तार। पिस्टल, मैगजीन और वाहन बरामद।
जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़, जनपद के अतरौलिया थाना क्षेत्र में 16 मई को गोली लगने से हुई महिला की मौत के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने मृतका के दामाद संजीव पांडेय और उसके दोस्त अवधेश नारायण सिंह को गिरफ्तार कर हत्या की गुत्थी सुलझा ली है। उनके कब्जे से हत्या में प्रयुक्त पिस्टल, दो मैगजीन और घटना में इस्तेमाल चार पहिया वाहन भी बरामद किया गया है।
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घटना की पृष्ठभूमि
घटना नाऊपुर गांव की है, जहां मृतका रमावती देवी अपने परिवार के विवाद को शांत कराने के दौरान गोली का शिकार हो गई थीं। पीड़ित पति रामबली राजभर ने थाने में दी तहरीर में बताया कि उनके दामाद संजीव पांडेय और बृसकेतु सिंह के बीच गाड़ी के रास्ते को लेकर विवाद हुआ था, जिसमें बाद में अवधेश नारायण सिंह और भगवान सिंह भी शामिल हो गए। इसी दौरान संजीव पांडेय ने अपने दोस्त अवधेश को ललकारा, जिसने आवेश में गोली चला दी, जो रमावती देवी को जा लगी।
जांच में चौंकाने वाला मोड़
पुलिस की शुरुआती जांच में जिन दो अन्य व्यक्तियों – बृसकेतु सिंह और भगवान सिंह – को आरोपी बनाया गया था, उन्हें निर्दोष पाया गया। जांच के बाद साफ हुआ कि गोली दामाद संजीव के कहने पर उसके दोस्त अवधेश ने चलाई थी, और यह गोली अनजाने में रमावती देवी को लगी।
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गिरफ्तारी और बरामदगी
18 मई को थानाध्यक्ष अमित कुमार मिश्र की अगुवाई में पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर मंडोही से बहिरादेव मंदिर जाने वाली सड़क पर घेराबंदी कर दोनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। अवधेश की निशानदेही पर उसके मुर्गी फार्म से पिस्टल, दो मैगजीन और गाड़ी बरामद की गई।
एसपी का बयान
एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने प्रेस वार्ता में बताया कि मामले में दो निर्दोषों को राहत मिली है जबकि असली दोषियों को पकड़ लिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस तफ्तीश तथ्यों के आधार पर निष्पक्ष रूप से की गई और निष्कर्ष तक पहुंचने में कोई कोताही नहीं बरती गई।
इस घटना ने पारिवारिक विवादों में असहिष्णुता और हथियारों के दुरुपयोग की भयावहता को उजागर किया है। आजमगढ़ पुलिस की मुस्तैदी से न केवल पीड़ित परिवार को न्याय मिला, बल्कि बेगुनाहों को भी राहत मिली।