अलीगढ़ में दलित सपा सांसद रामजी लाल पर करणी सेना द्वारा जानलेवा हमला, हमलावर गिरफ्तार होने के बाद तुरंत रिहा। जानिए पूरी घटना की सच्चाई।
रामराज्य की सरकार में दलित सपा सांसद रामजी लाल पर करणी सेना का हमला, गिरफ्तारी के बाद फौरन रिहाई
ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में रामराज्य की सरकार के बीच दलित समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद रामजी लाल पर जानलेवा हमले की घटना ने सबको चौंका दिया है। अलीगढ़ में हुई इस घटना को शुरूआत में विरोध प्रदर्शन माना गया था, मगर बाद में करणी सेना के पदाधिकारियों के बयानों से हमले की गंभीर मंशा उजागर हो गई।
दरअसल, करणी सेना के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष ओकेंद्र राणा ने वीडियो जारी कर स्वीकार किया कि “सांसद इस बार भी बच गए, सिर्फ कुछ गाड़ियाँ ही टूट पाईं।” इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “तेरी कई पीढ़ियाँ बाबर का नाम लेना भूल जाएंगी। हर बार प्रशासन बचाने नहीं आएगा।”
इसके अलावा, करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत ने भी आक्रामक रुख अपनाते हुए बयान दिया, “जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं।” वहीं अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरज पाल सिंह अंबू ने दावा किया कि “क्षत्रियों ने हमेशा राष्ट्रहित के लिए लड़ाई लड़ी है। यदि सरकार अनुमति दे, तो करणी सैनिक मानव बम बनने के लिए भी तैयार हैं।”
गिरफ्तारी और तत्काल रिहाई
इस हमले के सिलसिले में पुलिस ने करणी सेना के जिला संयोजक कृष्णा ठाकुर, सुधीर सिंह, भूपेंद्र सिंह, सचिन सिंह और सुमित सिंह को गिरफ्तार किया था। हालांकि, चौंकाने वाली बात यह रही कि गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों में सभी आरोपियों को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। दरअसल, दर्ज मुकदमे में कोई भी ऐसी धारा नहीं थी, जिसकी सजा सात साल से अधिक हो, इस कारण SDM कोर्ट ने तुरंत सभी को छोड़ने का आदेश दे दिया।
इस पूरी घटना ने राज्य सरकार की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। साथ ही, यह भी स्पष्ट होता है कि राजनीतिक विद्वेष के चलते अब लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए प्रतिनिधियों की जान भी खतरे में पड़ गई है।