Sunday, July 20, 2025
spot_img

बिजली कर्मियों की बगावत या बर्खास्तगी? निजीकरण के खिलाफ 29 मई से हड़ताल पर सस्पेंस

उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों द्वारा निजीकरण विरोधी आंदोलन को लेकर स्थिति असमंजस में; 29 मई से प्रस्तावित कार्य बहिष्कार पर अंतिम निर्णय रविवार को होगा। प्रबंधन ने दी बर्खास्तगी की चेतावनी, संघर्ष समिति ने लगाए घोटाले के आरोप।

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

लखनऊ | पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में चल रहे विवाद में नया मोड़ आ गया है। भले ही विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने 29 मई से कार्य बहिष्कार का एलान कर रखा है, लेकिन इससे जुड़े कुछ अहम संगठन अब भी आंदोलन में भागीदारी को लेकर अंतिम निर्णय नहीं ले सके हैं।

रविवार को होंगी निर्णायक बैठकें

अब सबकी निगाहें रविवार को होने वाली दो अहम बैठकों पर टिकी हैं:

  • राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन की हाई पावर कमेटी बैठक।
  • उत्तर प्रदेश विद्युत परिषद अभियंता संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक।
  • इन बैठकों में यह तय किया जाएगा कि संबंधित संगठन 29 मई से घोषित कार्य बहिष्कार में शामिल होंगे या नहीं।
Read  अखिल विश्व अखंड सनातन सेवा संस्थान में विस्तार, स्नेहिल पाण्डेय राष्ट्रीय महासचिव, प्रदीप वर्मा प्रदेश सचिव नियुक्त

प्रबंधन का कड़ा रुख: बर्खास्तगी की चेतावनी

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यदि कोई कर्मचारी कार्य बहिष्कार में शामिल हुआ या बिजली आपूर्ति में बाधा आई, तो संबंधित को सीधे सेवा से बर्खास्त किया जाएगा।

यही वजह है कि कई संगठन फिलहाल पशोपेश की स्थिति में हैं।

प्रबंधन की अपील: हित सुरक्षित रहेंगे

शनिवार को शक्ति भवन में पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने जूनियर इंजीनियर संगठन से वार्ता की।

इस दौरान उन्होंने कहा

  • प्रस्तावित निजीकरण में कर्मचारियों के हित पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे।
  • प्रोन्नति, सेवानिवृत्ति लाभ, सेवा-शर्तें व रियायती दर पर बिजली जैसी सुविधाएं प्रभावित नहीं होंगी।
  • सरकार ऊर्जा क्षेत्र में सुधार लाकर उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा देना चाहती है।

उन्होंने कर्मचारियों से आंदोलन से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए।

संघर्ष समिति का पलटवार: घोटाले का आरोप

Read  “जिसकी जितनी संख्या भारी…” – क्या अब आरक्षण में भी नई हिस्सेदारी?

वहीं, संघर्ष समिति का कहना है कि निजीकरण के नाम पर बड़े स्तर पर घोटाला हो रहा है। समिति के अनुसार:

  • निदेशक (वित्त) निधि कुमार नारंग का कार्यकाल इसीलिए बढ़ाया गया है।
  • महाप्रबंधक (आईआर) प्रदीप कुमार और महाप्रबंधक (एचआर) एके सेठ पर पदाधिकारियों को अनुशासनात्मक और पुलिस कार्रवाई की धमकी देने का भी आरोप लगाया गया है।

प्रतिक्रियात्मक विरोध: आदेश की प्रतियां जलाई गईं

शनिवार को संघर्ष समिति के आह्वान पर बिजलीकर्मियों ने विरोधस्वरूप पावर कारपोरेशन द्वारा जारी बर्खास्तगी आदेश की प्रतियां जलाईं।

समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि पावर कारपोरेशन अध्यक्ष औद्योगिक अशांति फैलाकर हड़ताल थोपना चाह रहे हैं।

उन्होंने मुख्यमंत्री से अध्यक्ष को बर्खास्त करने की मांग की है।

बिजली कर्मियों का यह संभावित आंदोलन न केवल उत्तर प्रदेश की ऊर्जा व्यवस्था पर असर डाल सकता है, बल्कि राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में भी हलचल मचा रहा है। अब सबकी निगाहें रविवार को होने वाली निर्णायक बैठकों पर टिकी हैं।

Read  “हैदरी दल 25” की आड़ में  “हाफिज” बना ‘शैतान’, नाबालिग से कुकर्म और अश्लीलता का महाजाल

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,400SubscribersSubscribe

लायंस क्लब आज़मगढ़ की नई कार्यकारिणी गठित, ओम प्रकाश बने अध्यक्ष

लायंस क्लब आज़मगढ़ की नई कार्यकारिणी का गठन हुआ। ओम प्रकाश अग्रवाल बने अध्यक्ष। पर्यावरण संरक्षण हेतु 15 अगस्त तक पौधरोपण अभियान चलाने का...

विधवा की पुकार: “मुझे मेरी ज़मीन लौटा दो” — दबंगों से त्रस्त महिला न्याय के लिए दर-दर भटक रही

चित्रकूट के मानिकपुर की विधवा महिला न्याय के लिए गुहार लगा रही है। दबंगों द्वारा ज़मीन कब्जाने की कोशिश, फसल कटवाने का आरोप और...
- Advertisement -spot_img
spot_img

हर बार वही शिकायत! तो किस काम के अधिकारी?” – SDM ने लगाई फटकार

चित्रकूट के मानिकपुर तहसील सभागार में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में उपजिलाधिकारी मो. जसीम ने अधिकारियों को दो टूक कहा—"जनशिकायतों का शीघ्र समाधान करें,...

“मैं नालायक ही सही, पर संघर्ष की दास्तां अनसुनी क्यों?” — रायबरेली की आलोचना से आहत हुए मंत्री दिनेश प्रताप सिंह का भावुक पत्र

 रायबरेली की राजनीति में हलचल! उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने फेसबुक पोस्ट के ज़रिए आलोचकों को दिया करारा जवाब। संघर्षों और उपलब्धियों को...