पुलिस की जांच तेज, कई संदिग्ध हिरासत में
ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की दिनदहाड़े हत्या से पूरे पत्रकारिता जगत में रोष फैल गया है। खासतौर पर पड़ोसी जिले बाराबंकी के पत्रकारों में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है। इस जघन्य घटना के विरोध में पत्रकारों ने श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित कीं और सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
पत्रकारों ने दी श्रद्धांजलि, की सख्त कार्रवाई की मांग
रविवार शाम को बाराबंकी जिले के देवा रोड स्थित गांधी भवन में पत्रकारों ने दिवंगत राघवेंद्र वाजपेई को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके अलावा, सिरौलीगौसपुर तहसील के बदोसराय कस्बे में भी पत्रकारों ने कैंडल मार्च निकालकर मुख्य चौराहे पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की।
इस दौरान वरिष्ठ पत्रकारों ने सरकार से पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग की। तहसील पत्रकार रामू ने कहा, “सरकार को दिवंगत पत्रकार के परिवार की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और दोषियों को कठोरतम सजा दिलानी चाहिए।”
वहीं, पत्रकार डी. के. सिंह ने घटना को प्रशासन और सरकार पर एक बड़ा कलंक बताया। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार निरंतर समाज के कमजोर और बेसहारा लोगों के लिए लड़ता है, और इस तरह की घटनाएं प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला हैं।
सीएम योगी से हस्तक्षेप की अपील, मुआवजे की मांग
पत्रकार संतोष शुक्ला ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने और घटना की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की। उन्होंने कहा, “दिवंगत पत्रकार के परिजनों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए।”
पुलिस की कार्रवाई: कई संदिग्ध हिरासत में
सीतापुर के एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि परिजनों की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस वारदात से जुड़े सभी सबूतों को इकट्ठा कर रही है, और कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
एसपी के अनुसार, स्वाट और सर्विलांस टीम समेत कई पुलिस टीमें मामले की गहन जांच कर रही हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा किया जाएगा।
पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की हत्या ने पत्रकार समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। जहां एक ओर पत्रकारों ने एकजुट होकर सरकार से न्याय की गुहार लगाई है, वहीं दूसरी ओर पुलिस घटना के हर पहलू की गहराई से जांच कर रही है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार और प्रशासन इस मामले में कितनी सख्ती से कार्रवाई करता है और पीड़ित परिवार को न्याय कब तक मिलता है।

Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की