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10 March 2025 12:31 pm

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दो महीने के मासूम की सौदेबाजी! मजबूरी ने छीना ममता का हक, चौंकाने वाला खुलासा

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गरीबी की मार या मजबूरी? मासूम की कीमत चुकाने को मजबूर माता-पिता

अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक आर्थिक तंगी से जूझ रहे दंपती ने अपने दो महीने के बच्चे को लखनऊ के एक स्क्रैप व्यापारी को बेच दिया। हालांकि, पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए बच्चे को बरामद कर लिया और इस मामले में चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनमें बच्चे के माता-पिता, व्यापारी और उसकी पत्नी शामिल हैं।

कैसे हुआ मामला उजागर?

यह घटना 5 मार्च की है, जब दंपती ने अपने नवजात को लखनऊ के कैसरबाग घसियारी मंडी में व्यवसाय करने वाले व्यापारी, मोहम्मद यासिर को सौंप दिया। लेकिन शुक्रवार रात को पुलिस को इस सौदे की जानकारी मिली, जिसके बाद शनिवार को लखनऊ से बच्चे को बरामद किया गया।

थाना प्रभारी (SHO) आलोक मणि त्रिपाठी के अनुसार, यासिर ने दंपती की गरीबी का फायदा उठाया और भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल कर उन्हें बच्चा देने के लिए मजबूर किया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए यासिर को हिरासत में ले लिया और बच्चे को बाल कल्याण समिति (CWC) को सौंप दिया।

आर्थिक तंगी बनी बड़ी वजह

बच्चे के पिता ने पुलिस को बताया कि उनके पहले से ही दो बच्चे हैं और आर्थिक तंगी के कारण वह तीसरे बच्चे का पालन-पोषण नहीं कर सकते थे। उन्हें लगा कि किसी और के पास उसका भविष्य बेहतर हो सकता है। लेकिन इस फैसले ने अब उन्हें कानूनी संकट में डाल दिया है।

क्या कहती है पुलिस?

पुलिस को संदेह है कि इस सौदे में और लोग भी शामिल हो सकते हैं। इसलिए इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है।

समाज के लिए बड़ा सवाल

यह घटना गरीबी और सामाजिक जागरूकता की कमी को उजागर करती है। कई बार आर्थिक तंगी के कारण माता-पिता ऐसे कठोर निर्णय लेने को मजबूर हो जाते हैं। इस मामले ने यह भी दिखाया कि कानूनी रूप से बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया के बारे में लोगों में जागरूकता की कमी है।

क्या होनी चाहिए सरकार की भूमिका?

सरकार को ऐसी योजनाएं लागू करनी चाहिए, जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को मदद प्रदान करें।

बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कानूनों का पालन आवश्यक है।

बच्चा गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।

बाराबंकी की इस घटना ने समाज में कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया है, लेकिन यह मामला गरीबी, सामाजिक जागरूकता और कानून व्यवस्था से जुड़े कई मुद्दों को उजागर करता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस आगे की जांच में और क्या खुलासे करती है।

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