सोशल मीडिया में वायरल अफवाहों पर पिता ने लगाया विराम
सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट
बांदा। यूएई के अबूधाबी में शहजादी की मौत को लेकर सोशल मीडिया पर गलत अफवाहें फैल रही थीं। कुछ पोस्ट में दावा किया जा रहा था कि शहजादी को खंभे से बांधकर सीने में गोली मारी गई। लेकिन अब पिता शब्बीर ने इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए सच्चाई सामने रखी है।
फांसी दी गई थी, गोली मारने की खबर अफवाह
मीडिया से बातचीत में शहजादी के पिता शब्बीर ने साफ किया कि बेटी को गोली नहीं मारी गई, बल्कि उसे फांसी दी गई थी। उन्होंने बताया कि शहजादी का अंतिम संस्कार अबूधाबी के कब्रिस्तान में किया गया और उसका कब्र नंबर A-7, S-1, 954 जारी किया गया है।
रिश्तेदार ने कब्रिस्तान से दी थी जानकारी
शब्बीर के अनुसार, दुबई में रहने वाली रिश्तेदार नगमा शहजादी के दफन के समय मौजूद थी। उसने वीडियो कॉलिंग के जरिए अंतिम संस्कार दिखाने की पेशकश भी की थी, लेकिन शब्बीर ने बेटी का चेहरा देखने से इनकार कर दिया क्योंकि वे यह सहन नहीं कर सकते थे।
हालांकि, नगमा ने उन्हें कब्रिस्तान की कुछ तस्वीरें भेजी थीं और पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी थी। दुबई सरकार की निगरानी में शहजादी को कब्रिस्तान में दफनाया गया, ताकि भविष्य में परिवार के लोग वहां जाकर मगफिरत (शांति) की दुआ कर सकें।
“बचाने कोई नहीं आया, अब अफवाहें फैलाई जा रही हैं” – शब्बीर
पिता शब्बीर ने सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही झूठी खबरों को लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा,
“जब मेरी बेटी को बचाने की जरूरत थी, तब कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। लेकिन अब उसकी मौत के बाद अफवाहें फैलाकर लोग बेवजह की बातें कर रहे हैं।”
हाईकोर्ट में चुनौती देंगे फाइनल रिपोर्ट
शब्बीर ने बताया कि फेसबुक के जरिए दोस्ती कर शहजादी को बहला-फुसलाकर आगरा लाया गया और फिर दुबई में बेच दिया गया। इतना ही नहीं, उसके डेबिट कार्ड से पैसे भी निकाले गए।
इस मामले में कोर्ट के आदेश पर मटौंध थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, लेकिन पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगाकर मामला खत्म कर दिया। शब्बीर ने कहा,
“मैं अब तक अपनी बेटी को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा था। लेकिन अब मैं उसे इस हालत में पहुंचाने वालों को छोड़ूंगा नहीं। मैं इस फाइनल रिपोर्ट को हाईकोर्ट में चैलेंज करूंगा।”
क्या यह मामला तस्करी से जुड़ा है?
इस पूरे घटनाक्रम ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं:
- क्या शहजादी मानव तस्करी का शिकार हुई थी?
- उसके साथ दुबई में क्या हुआ, इसके पीछे कौन लोग थे?
- क्या पुलिस ने मामले की पूरी निष्पक्षता से जांच की?
शहजादी की मौत को लेकर चल रही तमाम अटकलों पर अब उसके पिता ने विराम लगा दिया है। लेकिन उनकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई। वे न्याय के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं। इस घटना ने एक बार फिर महिला सुरक्षा और मानव तस्करी से जुड़े गंभीर मुद्दों को उजागर कर दिया है। अब देखने वाली बात होगी कि इस मामले में आगे क्या कानूनी कार्रवाई होती है।
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Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की