अलीगढ़ में करणी सेना द्वारा सांसद रामजी लाल सुमन के काफिले पर हमले के बाद उन्होंने सरकार पर माहौल बिगाड़ने वाले तत्वों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। जानिए पूरी घटना और राजनीतिक प्रतिक्रिया।
अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
रविवार को अलीगढ़ के गभाना टोल प्लाजा के पास समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के काफिले पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने हमला किया। हमलावरों ने उनके काफिले पर टायर फेंकने का प्रयास किया।
इसके बावजूद, सुमन ने डटकर हालात का सामना किया और अपने काफिले के साथ सुरक्षित आगे बढ़े।
काफिले पर टायर फेंकने का प्रयास
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने अचानक टोल प्लाजा के पास इकट्ठा होकर टायर फेंके और रास्ता रोकने की कोशिश की। स्थिति बिगड़ने से पहले ही पुलिस और सुरक्षा कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर हालात संभाले।
सांसद का साहसिक बयान: “ना टूटूंगा, ना झुकूंगा“
हमले के बाद सोमवार को आगरा में मीडिया से बातचीत करते हुए रामजी लाल सुमन ने कहा,
“यह सब हमें तोड़ने या झुकाने के लिए किया जा रहा है, लेकिन मैं न टूटूंगा और न झुकूंगा।”
सुरक्षा को लेकर राज्यसभा सांसद की पीड़ा
सांसद ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि हमले की आशंका को देखते हुए उन्होंने पहले ही कई बड़े अधिकारियों को पत्र भेजकर सुरक्षा मांगी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उपराष्ट्रपति से लेकर डीजीपी तक लगाई गुहार
रामजी लाल सुमन ने उपराष्ट्रपति, केंद्रीय गृहमंत्री, दिल्ली पुलिस कमिश्नर, यूपी डीजीपी और यूपी गृह सचिव तक को सुरक्षा के लिए पत्र भेजे। बावजूद इसके, एक माह से ज्यादा समय बीत जाने पर भी सुरक्षा नहीं दी गई।
सुरक्षा न मिलने पर साजिश की आशंका
सुमन ने कहा,
“सुरक्षा न मिलने से साफ तौर पर षड्यंत्र की बू आती है। अगर सरकार चाहती तो अब तक सुरक्षा मिल जाती।”
अब उनकी उम्मीद हाईकोर्ट से न्याय मिलने पर टिकी है।
बुलंदशहर मुकदमा: पुलिस पर पक्षपात का आरोप
हमले के बाद बुलंदशहर पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठे हैं। सुमन ने आरोप लगाया कि पुलिस ने असली हमलावरों को ससम्मान रातोंरात छोड़ दिया और उल्टा उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कर लिया।
हमलावरों को छोड़ा, पीड़ित पर दर्ज किया फर्जी मुकदमा
रामजी लाल सुमन ने कहा,
“जिन्होंने कातिलाना हमला किया, उन्हें पुलिस ने रात को छोड़ दिया। अपने गुनाहों को छिपाने के लिए अब हमारे खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं।”
न्याय की उम्मीद अब हाईकोर्ट से
सांसद ने कहा कि अब उन्हें सिर्फ न्यायपालिका से उम्मीद है। जल्द ही हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उचित सुरक्षा और न्याय की मांग की जाएगी।
रामजी लाल सुमन का संकल्प: अत्याचार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा
हमले और पुलिसिया कार्रवाई से बेपरवाह रामजी लाल सुमन ने दोहराया कि वे कमजोर, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के खिलाफ होने वाले किसी भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे।
उनका कहना था,
“अत्याचार के खिलाफ लड़ना मेरा धर्म है और मैं इससे पीछे नहीं हटूंगा।”
राजनीतिक हमले और दलित नेतृत्व पर बढ़ते खतरे
उत्तर प्रदेश की राजनीति में हाल के घटनाक्रम एक गंभीर संदेश दे रहे हैं। दलित और कमजोर वर्ग के नेताओं के खिलाफ बढ़ते हमले लोकतंत्र के लिए चिंताजनक हैं। ऐसे में रामजी लाल सुमन का साहस और संघर्ष भावना भविष्य के राजनीतिक विमर्श को नई दिशा दे सकते हैं।