संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट जिले के मानिकपुर ब्लॉक में विद्युत अव्यवस्था और बिजली चोरी को लेकर बीडीओ और बाबू के बीच जमकर विवाद हुआ। एसी चलाने के लिए हो रही चोरी का खुलासा, ब्लॉक प्रमुख की चुप्पी पर भी उठे सवाल।
चित्रकूट जनपद के मानिकपुर ब्लॉक परिसर में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब विद्युत व्यवस्था ध्वस्त होने के बाद बीडीओ (खंड विकास अधिकारी) और एक बाबू के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। विवाद इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों के बीच जमकर गाली-गलौज और हाथापाई की नौबत आ गई।
बिजली चोरी से बेकाबू हालात
दरअसल, सोमवार 15 जुलाई को दोपहर लगभग 11 से 11:30 बजे के बीच ब्लॉक परिसर में विद्युत व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई थी। इसी दौरान बीडीओ कक्ष सहित कई अन्य कमरों में एसी चलाने के लिए अवैध रूप से बिजली चोरी करने की बात उजागर हुई। जैसे ही बिजली गई, पूरा सिस्टम ठप हो गया और बिजली चोरी की परतें एक-एक कर सामने आने लगीं।
झगड़े में एडीओ की भी एंट्री
मौके पर मौजूद एडीओ (एसटी) ने विवाद सुलझाने की जगह बाबू का हाथ पकड़ कर हाथापाई करने की कोशिश की, जिससे मामला और बिगड़ गया। गाली-गलौज का यह दृश्य किसी अखाड़े से कम नहीं लग रहा था।
प्रमुख की चुप्पी पर सवाल
इस पूरी घटना के दौरान ब्लॉक प्रमुख मौन बने रहे। उन्होंने न तो मामले को सुलझाने की कोशिश की और न ही किसी पक्ष को शांत कराने की पहल की। उनकी निष्क्रियता को लेकर कर्मचारियों और स्थानीय लोगों में भारी नाराज़गी देखी गई।
गंभीर सवाल खड़े
इस घटनाक्रम ने प्रशासनिक ढांचे और विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं—
क्या ब्लॉक परिसर जैसी संवेदनशील जगह पर भी बिजली चोरी खुलेआम होती रहेगी?
क्या विद्युत विभाग इस मामले में कोई प्रभावी कार्रवाई करेगा?
और सबसे अहम सवाल – इस गाली-गलौज और झगड़े की घटना की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों पर कब कार्रवाई होगी?
अगली कड़ी का इंतज़ार
यह स्पष्ट है कि मानिकपुर ब्लॉक में व्यवस्था चरमराई हुई है और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच तालमेल की भारी कमी है। इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट और दोनों पक्षों की प्रतिक्रिया अगले अंक में प्रकाशित की जाएगी।