संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
बाँदा (अतर्रा):
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के शहादत दिवस के अवसर पर ग्राम पंचायत बसरेही में ‘मन की बात’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर नरैनी के विधायक ओम मणि वर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में क्षेत्रीय संयोजक सहकारिता आशुतोष तिवारी ने भी अपनी भागीदारी दर्ज कराई। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ संबोधन को गांववासियों के साथ मिलकर सुना गया।
“एक देश, एक निशान, एक प्रधान” की प्रेरणा
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अपने संबोधन में विधायक ओम मणि वर्मा ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचारों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपना समूचा जीवन राष्ट्र सेवा और समाज कल्याण को समर्पित कर दिया।
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“डॉ. मुखर्जी का स्पष्ट मत था कि एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं हो सकते। उन्हीं के विचारों से प्रेरित होकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को एकता और अखंडता के पथ पर अग्रसर कर रहे हैं।”
वृक्षारोपण के माध्यम से दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
कार्यक्रम के पश्चात, बसरेही स्थित कंपोजिट विद्यालय परिसर में विधायक ओम मणि वर्मा ने अपनी माता के नाम पर एक वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। यह पहल न केवल व्यक्तिगत श्रद्धांजलि थी, बल्कि समाज के लिए प्रेरणास्रोत भी बनी।
ग्राम प्रधान ने जताया आभार
इस अवसर पर ग्राम प्रधान अनीस गौतम ने विधायक और अन्य अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा,
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“अब तक कई जनप्रतिनिधि ग्राम पंचायत में आए, लेकिन असली विकास की चिंता केवल ओम मणि वर्मा ने ही की। उन्होंने गांव को विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभांवित कर ग्रामवासियों का दिल जीत लिया है।”
संचालन व सहभागिता
कार्यक्रम का संचालन मंडल महामंत्री अतर्रा दीनदयाल द्विवेदी ने किया। इस मौके पर जिला संयोजक सहकारिता उदित नारायण द्विवेदी, विधायक प्रतिनिधि राजकिशोर (तहसील अतर्रा), शक्ति केंद्र प्रभारी मधुकर पांडे, संयोजक राम प्रसाद तिवारी, बूथ अध्यक्ष संतोष वर्मा, ग्राम प्रधान मनोज द्विवेदी, महिला मोर्चा मंडल महामंत्री मंजू चौरिहा, चुन्नी वर्मा, राजा बाबू, राजकुमार वर्मा, जितेंद्र यादव, रफीक खान, शिव प्रसाद गौतम, गोविंद प्रसाद गौतम, गोपाल गौतम सहित अनेक कार्यकर्ता और ग्रामवासी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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इस कार्यक्रम ने न केवल डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को श्रद्धांजलि दी, बल्कि ग्राम स्तर पर जन-जागरूकता और विकास की दिशा में एक मजबूत कदम भी सिद्ध हुआ। ‘मन की बात’ जैसे संवाद कार्यक्रम ग्रामीण भारत को राष्ट्रीय विचारधारा से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।