अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
प्रयागराज: आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद को प्रयागराज में प्रशासन द्वारा सर्किट हाउस में नजरबंद (हाउस अरेस्ट) कर दिया गया। वह करछना के इटौसी गांव में एक दलित पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी।
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इसके विरोध में समर्थक उग्र हो गए और भडेवरा बाजार में हिंसक प्रदर्शन हुआ। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव में कई सरकारी वाहन क्षतिग्रस्त हुए और स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
चंद्रशेखर आज़ाद को क्यों रोका गया?
सांसद चंद्रशेखर आज़ाद कौशांबी में एक 8 वर्षीय दलित बच्ची के कथित दुष्कर्म मामले में उसके परिजनों से मिलने जा रहे थे। प्रशासन ने धारा 144 का हवाला देते हुए उन्हें रोक दिया और सर्किट हाउस में ही नजरबंद कर दिया।
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प्रशासन का कहना है कि बड़ी संख्या में भीम आर्मी समर्थकों के एकत्र होने से कानून-व्यवस्था बिगड़ने का खतरा था। वहीं, चंद्रशेखर ने प्रशासन पर दलितों की आवाज दबाने का आरोप लगाया और इसे लोकतांत्रिक अधिकार का हनन बताया।
करछना में हिंसा, पथराव और भगदड़
गांव में प्रवेश न देने पर समर्थकों ने करछना के भडेवरा बाजार में प्रदर्शन किया जो जल्द ही उग्र हो गया। भीड़ ने पुलिस और प्रशासनिक वाहनों पर पथराव किया।
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एसडीएम करछना की गाड़ी समेत कई सरकारी वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। तनाव बढ़ने पर मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
पुलिस और प्रदर्शनकारी आमने-सामने
टकराव के दौरान कई लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने अब तक भीम आर्मी के 17 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है।
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चंद्रशेखर आज़ाद अभी भी सर्किट हाउस में धरने पर बैठे हैं और प्रशासन से मुलाकात की अनुमति की मांग कर रहे हैं।
चंद्रशेखर आज़ाद का बयान
“प्रयागराज के बराबर कौशांबी जिले में पाल समाज की बच्ची के साथ हुए अन्याय और पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। मैं पीड़ित परिवार से मिलकर न्याय की बात करना चाहता था। अगर हम एक पीड़िता से भी नहीं मिल सकते, तो फिर न्याय की उम्मीद किससे करें?”
प्रयागराज में सांसद चंद्रशेखर आजाद को दलित परिवार से मिलने से रोका गया, जिसके बाद समर्थकों ने करछना क्षेत्र में उग्र प्रदर्शन किया। प्रशासन ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए आज़ाद को सर्किट हाउस में हाउस अरेस्ट किया।
उन्होंने कहा कि इन घटनाओं से साफ है कि दलितों और पिछड़ों की आवाज को दबाने की कोशिश हो रही है, लेकिन वह इससे पीछे नहीं हटेंगे।
एसआईटी जांच का आदेश
कौशांबी जिले में 8 साल की बच्ची के साथ हुए कथित दुष्कर्म की जांच के लिए प्रतापगढ़ से एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित की गई है।
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इसकी निगरानी आईजी प्रयागराज कर रहे हैं। प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है, लेकिन राजनीतिक दलों की सक्रियता से स्थिति और भी संवेदनशील हो गई है।
चंद्रशेखर आज़ाद को गांव में जाने से रोकने के इस घटनाक्रम ने प्रदेश की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है।