जबलपुर के युवक इंद्र की हत्या की गुत्थी सुलझी—गोरखपुर की साहिबा बानो ने शादी का झांसा देकर युवक को बुलाया और बेरहमी से मार डाला। जानिए पुलिस ने कैसे किया खुलासा।
संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
कुशीनगर/गोरखपुर/जबलपुर। शादी का झांसा देकर एक युवक को राज्य पार बुलाना और फिर उसकी बेरहमी से हत्या कर देना—यह कोई फिल्मी पटकथा नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में हकीकत बन चुकी है। जबलपुर निवासी इंद्र तिवारी की हत्या के इस हत्याकांड का जब पुलिस ने खुलासा किया, तो साजिश की परतें एक-एक कर चौंकाने वाली कहानी बयान करने लगीं।
❖ कैसे सामने आई यह वारदात?
दरअसल, 6 जून को कुशीनगर के हाटा कोतवाली क्षेत्र में नेशनल हाईवे-28 के पास मझना नाले के समीप झाड़ियों में एक व्यक्ति का लहूलुहान शव मिला था। शव पर चाकू के कई वार थे और एक चाकू तो मृतक के गले में फंसा हुआ था। कुछ महिलाएं जब बकरी चरा रही थीं, तभी उनकी नजर शव पर पड़ी और तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।
शव की शिनाख्त नहीं हो पा रही थी, इसलिए पुलिस ने विवरण को सेंट्रल पोर्टल पर अपलोड किया। इसी पोर्टल से जबलपुर पुलिस को यह शव इंद्र तिवारी का लगा, जिनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट परिवार पहले ही दर्ज करा चुका था।
❖ वीडियो से शुरू हुई कहानी, झूठे आधार कार्ड से रची गई साजिश
जांच में सामने आया कि गोरखपुर निवासी साहिबा बानो नाम की महिला ने एक सोशल मीडिया वीडियो के जरिए इंद्र तिवारी से संपर्क साधा। इसके बाद साहिबा ने फर्जी आधार कार्ड बनवाकर अपना नाम “खुशी तिवारी” बताया और इंद्र को शादी का प्रस्ताव दिया।
इसी बहाने वह इंद्र को गोरखपुर बुलाने में सफल रही। परंतु, इस बुलावे के पीछे जो मंशा छिपी थी, वो खौफनाक थी। इंद्र के वहां पहुंचने पर साहिबा ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी।
❖ हत्या के पीछे छिपा मकसद: संपत्ति पर दावा?
पुलिस को संदेह है कि साहिबा बानो इस हत्या के बाद खुद को इंद्र की पत्नी बताकर उसकी संपत्ति पर दावा करना चाहती थी। हालांकि अभी यह जांच का विषय है। एसपी कुशीनगर संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि साहिबा को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके साथियों की तलाश जारी है।
जांच में पुलिस को कॉल डिटेल्स, सोशल मीडिया बातचीत और सीसीटीवी फुटेज से कई सुराग हाथ लगे हैं। इन्हीं आधारों पर केस को आगे बढ़ाया जा रहा है।
❖ अब तक की जांच में क्या-क्या हुआ सामने?
झांसा: वीडियो कॉल के जरिए साहिबा ने इंद्र से संपर्क कर शादी की बात कही।
फर्जी पहचान: आधार कार्ड में नाम बदलकर खुद को “खुशी तिवारी” बताया।
लालच या साजिश: इंद्र की हत्या कर उसके नाम पर संपत्ति हड़पने की योजना थी।
गिरफ्तारी: मुख्य आरोपी साहिबा पुलिस गिरफ्त में, साथी फरार।
तकनीकी जांच: सोशल मीडिया, कॉल रिकॉर्ड और फुटेज से मिले अहम सुराग।
❖ सवाल जो अब भी बाकी हैं…
- क्या यह हत्या पूरी तरह से संपत्ति हड़पने की साजिश थी?
- साहिबा के साथियों की असल भूमिका क्या थी?
- क्या साहिबा पहले भी इस तरह की धोखाधड़ी कर चुकी है?
यह घटना न सिर्फ सोशल मीडिया पर अनजान रिश्तों से जुड़ने के खतरों को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे फर्जी दस्तावेजों और बहकावे में लेकर अपराध को अंजाम दिया जा सकता है। पुलिस की तत्परता और तकनीकी जांच से साजिश जरूर उजागर हो गई है, लेकिन इसने समाज के सामने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं।
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