विकास कुमार की रिपोर्ट
लुधियाना, पंजाब। जब पत्रकारिता अपने सामाजिक दायित्वों को आत्मसात कर लेती है, तब वह महज़ सूचना नहीं, बल्कि प्रेरणा बन जाती है। समाचार दर्पण परिवार आज एक ऐसा ही ऐतिहासिक और मानवीय कार्य करने जा रहा है, जो समाज को सोचने और सीखने पर विवश करेगा।
आज दोपहर लुधियाना के सीताराम धर्मशाला में तीन अनाथ, बेसहारा और अभिभावकविहीन बेटियों – रीतिका, जरीना और सविता – की शादी का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन न केवल सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाता है कि मीडिया भी समाज का नेतृत्व कर सकता है – सिर्फ सूचनाओं से नहीं, बल्कि कर्मों से।
बेटियों के पालन-पोषण की बागडोर उठाई थी अरमान अली ने
इन तीनों बेटियों की परवरिश पिछले 9 वर्षों से समाचार दर्पण परिवार के जम्मू-कश्मीर ब्यूरो प्रमुख अरमान अली कर रहे हैं। उन्होंने ही इन बच्चियों को बचपन में सहारा दिया और एक पिता की भूमिका निभाई।
अरमान अली ने न केवल इन बेटियों को सुरक्षित छत दी, बल्कि उन्हें आत्मसम्मान और शिक्षा भी प्रदान की।
गुमनाम राजनयिक बने शिक्षा के संरक्षक
इन बच्चियों की पढ़ाई का खर्च पंजाब के एक वरिष्ठ राजनयिक ने उठाया है, जिन्होंने नाम गुप्त रखने की इच्छा जताई है। उनका यह निःस्वार्थ योगदान यह दर्शाता है कि समाज में आज भी संवेदना जीवित है।
इन तीनों बच्चियों ने कक्षा 10वीं तक की शिक्षा सफलता से पूर्ण की है।
कार्यक्रम की विशेषताएं
📍 स्थान: सीताराम धर्मशाला लुधियाना
🕛 समय: आज दोपहर 2.00 बजे
👰 विवाहिता बेटियां: रीतिका, जरीना और सविता
👨👧👧 पालक अभिभावक: अरमान अली
🎓 शिक्षा सहयोगी: गुमनाम वरिष्ठ राजनयिक
🧡 संपूर्ण आयोजन: समाचार दर्पण परिवार के सहयोग से
❌ बिना किसी बाहरी संस्था या सरकारी सहायता के
एक पवित्र यज्ञ में समाचार दर्पण परिवार की समर्पित सहभागिता
इस शादी समारोह के लिए कोई बाहरी चंदा, सरकारी फंड या किसी NGO का सहयोग नहीं लिया गया है।
पूरे आयोजन का खर्च और व्यवस्था केवल समाचार दर्पण परिवार और उससे जुड़े कुछ घनिष्ठ सहयोगियों द्वारा किया गया है।
वर पक्ष की ओर से भी पूर्ण सम्मान के साथ इस आयोजन में भागीदारी निभाई जा रही है।
भावनाओं से भरपूर वातावरण की उम्मीद
कार्यक्रम स्थल पर पूरी तैयारी कर ली गई है। विवाह की प्रत्येक रस्म को परंपरागत ढंग से संपन्न करने के लिए साज-सज्जा, पंडित, वरमाला, सात फेरे और विदाई की सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं।
आज जब रीतिका, जरीना और सविता डोली में बैठकर ससुराल जाएंगी, तो यह केवल तीन बेटियों की विदाई नहीं होगी, बल्कि समाज को एक नई दिशा देने वाला क्षण होगा।
अरमान अली की अपील – समाज अपनी बेटियों को ना भूले
इस अवसर पर श्री अरमान अली ने कहा है –
“इन बेटियों को किसी ने जन्म तो दिया, लेकिन अपनाया हमने। अब ये सिर्फ हमारी नहीं, समाज की बेटियां हैं। हम उम्मीद करते हैं कि समाज अब हर ऐसे बच्चे को अपनाने का साहस करेगा, जो बेसहारा है।”
एक नई सुबह, तीन नई ज़िंदगियां
आज का यह आयोजन सिर्फ एक शादी नहीं, बल्कि सामाजिक पुनर्जागरण का प्रतीक है।
समाचार दर्पण परिवार की यह पहल उन सभी संस्थाओं और व्यक्तियों के लिए एक उदाहरण है जो मानते हैं कि सिर्फ शिकायत करने से समाज नहीं बदलता — बदलाव तब आता है जब हम खुद आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठाते हैं।
🕊️ समाचार दर्पण परिवार को इस सामाजिक सरोकार की पहल के लिए हार्दिक बधाई और समाज को इस अनुकरणीय कार्य से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।
📌 “बेटियां सिर्फ ज़िम्मेदारी नहीं, अवसर हैं – उन्हें अपनाइए, संवारिए और सशक्त बनाइए।”