बांदा। जिले में बालू के अवैध खनन और ओवरलोड परिवहन पर प्रशासन ने अब आर-पार की लड़ाई छेड़ दी है। जहां एक ओर यह कार्रवाई खनन माफियाओं को साफ संदेश देती है, वहीं यह कानून व्यवस्था को चुनौती देने वालों के लिए स्पष्ट चेतावनी भी है।
सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट
ताजा घटनाक्रम में, जिले के विभिन्न हिस्सों में की गई छापेमारी के दौरान 41 ओवरलोड ट्रकों को जब्त किया गया है, जिससे अवैध बालू कारोबारियों में अफरा-तफरी मच गई है।
दरअसल, यह सख्त कार्रवाई उस वक्त शुरू हुई जब नरैनी के उप जिलाधिकारी अमित शुक्ल पर बालू माफियाओं ने हमला कर दिया। वे ओवरलोड ट्रकों की जांच कर रहे थे, तभी माफियाओं ने न केवल बदसलूकी की, बल्कि उनके वाहन को पलटाने की भी कोशिश की। यह हमला बालू माफियाओं की बढ़ती हिम्मत और प्रशासनिक तंत्र को खुली चुनौती माना गया।
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी जे. रीभा ने स्वयं मोर्चा संभाल लिया और पूरे जिले में व्यापक स्तर पर कार्रवाई के आदेश दिए। उनके निर्देश पर 26/27 जून की रात को कई स्थानों पर एक साथ छापेमारी की गई।
रातभर चला छापेमारी अभियान, 41 ट्रक पकड़े गए
ग्राम पथरी मोड़ के पास अपर जिलाधिकारी (वि/रा), अपर पुलिस अधीक्षक और खान अधिकारी की टीम ने एक विशेष चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान 9 ट्रक अवैध रूप से बालू का परिवहन करते हुए पाए गए। सभी ट्रक ओवरलोड, टैम्पर्ड नंबर प्लेट और एक्सटेंड बॉडी के साथ थे। इन्हें तत्काल कोतवाली देहात थाने में सुपुर्द कर दिया गया।
इसके अतिरिक्त, उपजिलाधिकारी बाँदा, पैलानी, अतर्रा, नरैनी, बबेरू एवं यात्रीकर अधिकारी द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में की गई कार्रवाई में 32 और ओवरलोड व बिना वैध दस्तावेज वाले ट्रक पकड़े गए। इस प्रकार कुल मिलाकर 41 ट्रकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई।
माफियाओं में मचा हड़कंप, विधायक ने दी सफाई
इस अभियान के दौरान एक और पहलू तब सामने आया जब सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी और एसडीएम अमित शुक्ल के बीच ओवरलोड ट्रकों को लेकर विवाद की खबरें सामने आईं। हालांकि, विधायक द्विवेदी ने इस विवाद को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि उनके और एसडीएम के बीच कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि एसडीएम घटना के अगले ही दिन प्रशिक्षण के लिए लखनऊ रवाना हो गए थे और मामला राजनीतिक रंग नहीं लेना चाहिए।
प्रशासन का संदेश साफ: अब नहीं बख्शे जाएंगे खनन माफिया
इस अभियान ने एक बात तो पूरी तरह स्पष्ट कर दी है—प्रशासन अब बालू माफियाओं को कतई बख्शने के मूड में नहीं है।
जिलाधिकारी जे. रीभा के नेतृत्व में जिलेभर में खनन, परिवहन और वैध दस्तावेजों की जांच का सिलसिला तेज़ हो चुका है। इस कार्रवाई से न सिर्फ माफियाओं में डर व्याप्त है, बल्कि आम जनता और ईमानदार व्यवसायियों में प्रशासन के प्रति विश्वास भी बढ़ा है।
कुल मिलाकर, बांदा प्रशासन की यह बड़ी कार्रवाई न केवल बालू माफियाओं पर लगाम कसने का एक निर्णायक प्रयास है, बल्कि यह भविष्य के लिए एक सख्त संदेश भी है कि अब कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। आने वाले दिनों में ऐसे और भी अभियान चलाए जाने की संभावना है।