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बांदा

रिश्तों की आड़ में चल रहा था करोड़ों का काला कारोबार, बांदा पुलिस ने किया पर्दाफाश

गिरफ्तार मास्टरमाइंड की आपराधिक पृष्ठभूमि आई सामने

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उत्तर प्रदेश के बांदा में गांजा तस्करी का चौंकाने वाला खुलासा, हमीरपुर निवासी अलखराम कुशवाहा ने ओडिशा में शादी कर तस्करी नेटवर्क खड़ा किया। पुलिस ने 36 किलो गांजा के साथ चार आरोपी पकड़े।

सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट

बांदा(उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश की बांदा पुलिस ने गांजा तस्करी के एक ऐसे हाई-प्रोफाइल नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिसने पुलिस को भी चौंका दिया। इस गिरोह का सरगना, हमीरपुर निवासी अलखराम कुशवाहा, नशे के काले कारोबार को बढ़ाने के लिए ओडिशा जाकर शादी कर बैठा।

यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि सच्ची घटना है—जहाँ रिश्तों की आड़ में एक संगठित तस्करी रैकेट चलाया जा रहा था। मटौंध थाना पुलिस ने चार शातिर तस्करों को 36 किलो से ज्यादा अवैध गांजे के साथ गिरफ्तार किया है। जब्त किए गए गांजे की कीमत लाखों रुपये में आंकी जा रही है।

जानबूझकर की शादी, ताकि तस्करी का जाल फैला सके

जांच में सामने आया कि अलखराम कुशवाहा ने ओडिशा के सोनपुर जिले के तरभा थाना क्षेत्र में रहने वाले सोना रतन राणा की बेटी से शादी की। इस विवाह के पीछे कोई पारिवारिक भावना नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी।

दरअसल, सोना रतन राणा और उसके भतीजे शिवप्रसाद व विशेषण राणा पहले से ही गांजा तस्करी में लिप्त थे। शादी के बाद, अलखराम ने इनसे साझेदारी कर एक विस्तृत नेटवर्क खड़ा किया, जिससे गांजे की तस्करी को सुनियोजित रूप से उत्तर प्रदेश तक पहुंचाया जाने लगा।

ट्रेन बना तस्करी का ज़रिया, बुंदेलखंड था मुख्य टारगेट

यह गिरोह ओडिशा से गांजा खरीदकर ट्रेन के माध्यम से बिहार व मध्य प्रदेश होते हुए उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में गांजे की आपूर्ति करता था। बांदा, चित्रकूट, महोबा और हमीरपुर जैसे जिले उनके मुख्य वितरण केंद्र बन चुके थे।

इस नेटवर्क की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि यह गिरोह ट्रेनों का प्रयोग करता था, जिससे परिवहन सस्ता, तेज और अपेक्षाकृत कम जोखिम वाला होता था।

मुखबिर की सूचना बनी पुलिस के लिए हथियार

बांदा पुलिस को जब एक गुप्त सूचना मिली, तो एक सघन चेकिंग अभियान शुरू किया गया। इस दौरान पुलिस ने चार तस्करों को धर दबोचा। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में तीन ओडिशा के निवासी हैं, जबकि मुख्य आरोपी अलखराम कुशवाहा हमीरपुर का रहने वाला है।

पुलिस रिकॉर्ड की जांच में पता चला कि अलखराम के खिलाफ पहले से भी कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिससे उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि उजागर हो गई है।

पुलिस ने किया सिंडिकेट पर करारा प्रहार

बांदा एसपी मीडिया सेल द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इसके साथ ही, पुलिस अब इस तस्करी रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है।

पुलिस का दावा है कि जल्द ही इस पूरे सिंडिकेट का भंडाफोड़ कर दिया जाएगा और इसकी जड़ तक पहुंच बनाई जाएगी।

यह घटना न सिर्फ गांजा तस्करी के आधुनिक और सुनियोजित तरीकों को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे अपराधी निजी रिश्तों का इस्तेमाल कर अपने नेटवर्क को विस्तार देते हैं।

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बांदा पुलिस की इस कार्रवाई से एक बड़ा खतरा टल गया है, लेकिन यह भी स्पष्ट हो गया है कि नशे के इस काले धंधे के पीछे की रणनीतियाँ अब पहले से कहीं ज़्यादा चालाक और पेचीदा हो चुकी हैं।

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samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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