दिल्ली की अदालत ने नाबालिग पहलवान की शिकायत पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज पॉक्सो मामले में सुनवाई करते हुए उसे 26 मई को पेश होने का निर्देश दिया है। जानें पूरा मामला और पुलिस की रिपोर्ट का क्या है निष्कर्ष।
नौशाद अली की रिपोर्ट
नई दिल्ली/गोंडा – भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से जुड़ा एक अहम मोड़ सामने आया है। दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को उस महिला पहलवान को तलब किया, जिसने सिंह के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के समय पीड़िता नाबालिग थी।
न्यायालय का निर्देश और सुनवाई की स्थिति
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गोमती मनोचा ने 26 मई की अगली सुनवाई के लिए शिकायतकर्ता को अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। यह आदेश दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल क्लोजर रिपोर्ट पर विचार करते हुए दिया गया है, जिसमें मामले को रद्द करने की सिफारिश की गई थी।
पिता के बयान से बदला घटनाक्रम
दिल्ली पुलिस ने 15 जून 2023 को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता के पिता ने जांच के दौरान यह स्वीकार किया कि उन्होंने कथित अन्याय का बदला लेने के लिए झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। इसके चलते, पुलिस ने पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला हटाने की अनुशंसा की, क्योंकि कोई ठोस साक्ष्य सामने नहीं आया।
पहले बंद कमरे में दी गई सहमति
एक अगस्त 2023 को बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान पीड़िता ने स्वयं न्यायाधीश को बताया था कि वह पुलिस जांच से संतुष्ट है और क्लोजर रिपोर्ट का विरोध नहीं कर रही है।
पॉक्सो अधिनियम और अन्य आरोप
गौरतलब है कि पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी पाए जाने पर न्यूनतम तीन वर्ष की सजा का प्रावधान है। हालांकि, अदालत को अब यह तय करना है कि क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार की जाए या आगे जांच जारी रखी जाए। वहीं, बृजभूषण शरण सिंह पर छह अन्य महिला पहलवानों द्वारा भी अलग से यौन उत्पीड़न और पीछा करने के आरोप लगाए गए हैं।
सिंह का पक्ष
सिंह ने अब तक इन सभी आरोपों से स्पष्ट इनकार किया है और खुद को निर्दोष बताया है।