उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि उन्हें सीएम योगी से मिलने की जरूरत नहीं है। उन्होंने अधिकारियों के बढ़ते प्रभाव और राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर भी बेबाक राय दी। पूरी खबर पढ़ें।
नौशाद अली की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के गोंडा से पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की न तो कोई जरूरत है और न ही कोई मजबूरी। उन्होंने साफ किया कि उनके और सीएम योगी के बीच किसी प्रकार की नाराजगी या बैर नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि उन्होंने कभी कोई शपथ भी नहीं ली कि भविष्य में मुलाकात नहीं होगी।
सीएम योगी से मिलते रहते हैं बेटे
बृजभूषण सिंह ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के मुखिया हैं और उनके बेटे करण भूषण सिंह (भाजपा सांसद) और प्रतीक भूषण सिंह (भाजपा विधायक) नियमित रूप से सीएम से मिलते रहते हैं। लेकिन, उन्होंने स्वयं को इससे अलग रखते हुए कहा कि “हमें इसकी जरूरत नहीं है।”
अधिकारियों के बढ़ते प्रभाव पर जताई चिंता
इसके अलावा, बृजभूषण सिंह ने वर्तमान प्रशासनिक स्थिति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आजकल काम करवाने के लिए सिफारिश आवश्यक हो गई है। उन्होंने अफसोस जताया कि
“अब हालात ऐसे बन गए हैं कि विधायकों को भी अपना काम कराने के लिए अधिकारियों के पैर छूने पड़ते हैं।”
उनके अनुसार, जो कार्य अधिकारी स्वप्रेरणा से कर सकते थे, आज वही काम सत्ता की सिफारिश पर निर्भर हो गया है। कहीं न कहीं सत्ता का प्रभाव सीमित होता नजर आ रहा है।
राहुल गांधी को दी सलाह
वहीं, विपक्ष को लेकर पूछे गए सवाल पर बृजभूषण सिंह ने कहा कि देश को एक मजबूत विपक्ष की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा,
“विपक्ष का काम सरकार को चेताना, सतर्क करना और समय पर टोकना है।”
राहुल गांधी को लेकर उन्होंने टिप्पणी की कि भले ही उनका नाम नेहरू-इंदिरा के खानदान से जुड़ा हो, लेकिन उनमें अब भी स्पष्ट विजन की कमी दिखती है। उन्होंने सलाह दी कि राहुल गांधी को गंभीरता से सीखना चाहिए, चाहे हमसे नहीं तो कम से कम अपने परिवार और पार्टी नेताओं से।
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