उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में कस्तूरबा गांधी विद्यालय की शिक्षिका संध्या यादव पर दलित छात्राओं से जातिगत भेदभाव और मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगे हैं। यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
जालौन, उत्तर प्रदेश: शर्मनाक और संवेदनशील मामला
माधोगढ़ तहसील के टीहर गांव स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में शिक्षिका संध्या यादव पर आरोप है कि उन्होंने दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाली छात्राओं के साथ न केवल जातिगत भेदभाव किया, बल्कि मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया।
यह भी पढें- काल बन रहा मौसम ; आंधी-तूफान और बारिश से 49 लोगों की मौत, सबसे ज्यादा प्रभावित कासगंज और फतेहपुर
माँ-बाप खो चुकी छात्रा को भी नहीं बख्शा
एक अनाथ छात्रा ने आरोप लगाया कि संध्या यादव ने उससे कहा—
“तुम्हारे मां-बाप तो मर गए, अब डीएम तुम्हें यहां मरने को छोड़ गया है।”
यह कथन न केवल अमानवीय है, बल्कि यह दर्शाता है कि जातिवादी सोच आज भी हमारे शिक्षा संस्थानों में मौजूद है।
यह भी पढें- बिजली संकट पर बेकाबू यूपी! ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का बड़ा एक्शन, अफसरों पर गिरी गाज
प्राचार्या की चुप्पी, शिक्षा अधिकारी का बयान
जब इस मामले पर विद्यालय की प्रधानाचार्या साधना निरंजन से संपर्क किया गया तो उन्होंने कॉल काट दी और बाद में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
विकास खंड शिक्षा अधिकारी मुक्तेश कुमार गुप्ता ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो संबंधित शिक्षिका पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि जातिगत भेदभाव किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह भी पढें- सपा की PDA पॉलिटिक्स: ‘ठाकुर बनाम दलित’ की नई लड़ाई से कौन होगा भारी?
वीडियो वायरल, लोगों में आक्रोश
छात्राओं द्वारा शिक्षिका के व्यवहार का खुलासा करने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो ने पूरे प्रकरण को उजागर कर दिया है और लोग तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
यह भी पढें- जालिम मुस्कान रस्तोगी को छोड़िए, देशभर को हिला देने वाली इन 5 कातिल पत्नियों के केस का क्या हुआ?
लोगों ने शिक्षिका को तत्काल सस्पेंड कर जेल भेजने की मांग की है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने ऐसे लोगों को सरकारी नौकरी से बाहर करने की अपील भी की है।
यह भी पढें- स्कूल के चपरासी ने 39 सेकेंड में दी सांसद को 27 गालियां : ऑडियो सुन दंग रह गए अफसर
सवालों के घेरे में शिक्षा तंत्र
यह घटना न सिर्फ एक शिक्षिका की व्यक्तिगत सोच को उजागर करती है, बल्कि यह हमारे समूचे शिक्षा तंत्र और सामाजिक ढांचे पर सवाल भी खड़े करती है। जब दलित बच्चियों को स्कूल जैसे सुरक्षित स्थानों पर भी भेदभाव का शिकार होना पड़े, तो यह संकेत है कि हमें अभी बहुत कुछ सुधारने की जरूरत है।