उत्तर प्रदेश में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि से 49 लोगों की मौत। कासगंज, फतेहपुर और मेरठ सबसे ज्यादा प्रभावित। जानिए किन जिलों में हुआ जानमाल का नुकसान और कब फिर बदलेगा मौसम।
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मौसम के अचानक बदले मिजाज ने जहां एक ओर गर्मी से राहत दी, वहीं दूसरी ओर भारी तबाही का सबब भी बन गया। बुधवार रात से शुरू हुई तेज आंधी, बारिश और ओलावृष्टि ने प्रदेशभर में कहर बरपा दिया। बृहस्पतिवार शाम चार बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, विभिन्न जिलों में कम से कम 49 लोगों की मौत हो चुकी है।
आकाशीय बिजली और ढही दीवारें बनीं जानलेवा
राहत आयुक्त कार्यालय के लखनऊ स्थित एकीकृत आपदा नियंत्रण केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक, 21 मई की रात आठ बजे से 22 मई शाम चार बजे के बीच राज्य के कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। इस दौरान पेड़ गिरने, दीवारों और छतों के ढहने तथा आकाशीय बिजली गिरने से जानमाल का भारी नुकसान हुआ।
विशेष रूप से आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं में कई लोगों की जान गई, जो कि चिंता का विषय है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि बादल गरजने के साथ बिजली गिरने की संभावना इस समय ज्यादा रहती है, जिससे सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है।
सबसे ज्यादा मौतें इन जिलों में
राहत आयुक्त कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सबसे ज्यादा मौतें कासगंज और फतेहपुर (5-5 मौतें) में दर्ज की गई हैं। वहीं मेरठ और औरैया में 4-4 मौतें हुई हैं। इसके अतिरिक्त बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, कन्नौज, कानपुर नगर, एटा, गाजियाबाद, फिरोजाबाद, इटावा, अलीगढ़, हाथरस, चित्रकूट, आंबेडकर नगर, अमेठी, अयोध्या, आजमगढ़ और उन्नाव जिलों में भी जानमाल की हानि की खबर है।
राज्य सरकार ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे मृतकों के परिजनों को त्वरित सहायता व अनुग्रह राशि उपलब्ध कराएं।
आगे कैसा रहेगा मौसम?
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में 27 मई से दोबारा मौसम बदलेगा। इस दौरान बादल छाए रहेंगे और 29 मई तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है। हालांकि, दिन का तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक बना रहेगा, जिससे उमस और गर्मी से पूर्ण राहत नहीं मिलेगी।
क्या करें, क्या न करें: सुरक्षा के उपाय
- मौसम खराब होने पर खुले स्थानों में न जाएं।
- बिजली कड़कने पर मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग सीमित करें।
- कमजोर निर्माणों के पास खड़े होने से बचें।
- सरकारी चेतावनियों और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।