जिसने ‘वफ़ा’ की रील्स से दिल जीते, उसी ने अपने पति पर गोली चलवाई, लिव-इन पार्टनर की मौत के बाद उसकी मां की बेरहमी से हत्या करवाई – ये कहानी है उस पूजा जाटव की, जिसे लोग ‘डिजिटल देवी’ समझते रहे…पढ़ें पूरा विश्लेषणात्मक रिपोर्ट👇
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
इंस्टाग्राम स्टार पूजा जाटव की कहानी किसी वेब सीरीज से कम नहीं – प्यार, विश्वासघात, गोलीबारी, लिव-इन, हत्या और धोखे से भरी जुर्म की एक दिल दहला देने वाली पटकथा। सोशल मीडिया पर प्यार और वफ़ा की रील्स से हजारों दिलों को जीतने वाली पूजा जाटव असल ज़िंदगी में एक खौफनाक साजिशकर्ता निकली। इंस्टाग्राम पर उसकी मुस्कराती तस्वीरों और वीडियो के पीछे छिपा था एक ऐसा क्रूर सच, जिसे जानकर अच्छे-अच्छों की रूह कांप जाए।
जहां एक तरफ़ लोग उसे ‘डिजिटल क्वीन’ का दर्जा दे रहे थे, वहीं हकीकत में वो एक-एक करके अपनों को ठिकाने लगा रही थी – पति, प्रेमी, सास… और न जाने कितने चेहरे जो अब उजागर हो रहे हैं।
🚉 लोको पायलट की बेटी से ‘क्राइम क्वीन’ बनने की राह
पूजा का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ। पिता रेलवे में लोको पायलट थे और साल 2014 में उन्होंने अपनी बेटी की शादी ओरछा निवासी रमेश से कर दी। शुरुआत में सब सामान्य रहा, लेकिन जल्दी ही रिश्तों में कड़वाहट आने लगी।
मामला इतना बिगड़ा कि पूजा ने अपने ही पति पर भाड़े के बदमाशों से गोली चलवा दी। रमेश बच गए और एफआईआर दर्ज हो गई।
⚖️ अदालत में प्यार, फिर लिव-इन में साज़िश
कहते हैं जुर्म एक दरवाज़ा खोलता है, तो दूसरा भी दिखा देता है। कोर्ट में पेशी के दौरान पूजा की मुलाकात झांसी निवासी कल्याण उर्फ लाखन से हुई, जो खुद भी अपराधी प्रवृत्ति का था। धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे के करीब आए और लिव-इन रिलेशनशिप में झांसी में साथ रहने लगे।
लेकिन किस्मत ने एक और करवट ली – 25 मई 2019 को लाखन की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।
🏚️ लाखन के मां की गोद से शुरू हुआ अगला अध्याय
लाखन की मौत के बाद पूजा झांसी में ही उसके घर गई और सिर उसकी मां सुशीला की गोद में रखकर पनाह मांगी। परिवार पहले से पूजा को जानता था, इसलिए जगह दे दी गई। पर पूजा की नजर इस घर की संपत्ति और नए शिकार पर थी।
🔥 लाखन के भाई से ‘नाजायज रिश्ता’ और एक और उलझी गाथा
पूजा की खूबसूरती ने लाखन के बड़े भाई संतोष को भी अपने जाल में फंसा लिया। छिपे-छिपे चल रहे संबंधों का पर्दाफाश तब हुआ जब पूजा ने संतोष की बेटी को जन्म दिया। घर में हंगामा मचा, लेकिन धीरे-धीरे संतोष की पत्नी रागिनी ने हार मान ली और पूजा को घर में स्वीकार कर लिया।
🌾 8 बीघा जमीन और खून से सनी साजिश
इसके बाद शुरू हुआ असली खेल – संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग। पूजा ने संतोष से लाखन के हिस्से की 8 बीघा जमीन मांगी, जिससे वह अपने और बेटी का भविष्य संवार सके। संतोष और उसके पिता तैयार हो गए, लेकिन सास सुशीला ने इसका विरोध किया।
और यहीं पूजा ने लिया एक खतरनाक फैसला – सास की हत्या का।
🗡️ सगी बहन और उसके प्रेमी से करवाया कत्ल
पूजा ने ग्वालियर में संतोष और उसके पिता को बुलाकर झांसी में अकेली बची सास सुशीला की हत्या की साजिश रची। इस हत्या को अंजाम दिया उसकी सगी बहन कमला उर्फ कामिनी और उसके प्रेमी ने। इसके बदले उन्हें जमीन की आधी रकम देने का वादा किया गया।
मासूम लगने वाली यह योजना इतनी बारीकी से रची गई थी कि पुलिस भी पहले भ्रमित हो गई।
🕵️ पूजा ने फंसाया ससुर को, खुद फंस गई
जब जांच शुरू हुई, तो पूजा ने अपने ही ससुर अजय पर हत्या का इल्जाम लगा दिया। उसे उम्मीद थी कि अजय मान जाएगा और वो उसे छुड़वा लेगी। लेकिन अजय ने जब खुद को निर्दोष बताया और पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की, तो पूजा ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया।
इसके साथ ही कमला और उसके प्रेमी को भी गिरफ़्तार कर लिया गया।
📲 हत्या के दिन हल्दी ट्रेंड वाली रील!
जुर्म के बाद कोई डर, कोई पछतावा?
बिलकुल नहीं।
जिस दिन सास की हत्या हुई, उसी दिन पूजा इंस्टाग्राम पर हल्दी मिलाने वाला ट्रेंडिंग वीडियो पोस्ट कर रही थी। चेहरे पर न कोई शिकन, न कोई घबराहट। यही वह दोहरा चेहरा था, जिसने लोगों को चौंका दिया।
📉 सोशल मीडिया की मायावी दुनिया और असलियत
पूजा की कहानी सोशल मीडिया पर छिपे नकली जीवन और असली ज़हर की गवाही है।
रील्स में वह ‘वफ़ा की मूरत’ लगती थी, लेकिन असलियत में वो चालाक, क्रूर और स्वार्थी औरत निकली जिसने रिश्तों को सिर्फ इस्तेमाल किया।
🔍 पूजा की कहानी क्यों डराती है?
यह केस न केवल सोशल मीडिया की दोहरी जिंदगी को उजागर करता है, बल्कि इस बात पर भी सवाल उठाता है कि
अपराधियों को किस तरह इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म ‘फेम’ का कवच देते हैं,
और कैसे ‘भावनात्मक खेल’ के ज़रिए महिलाएं भी आज संगठित अपराध का चेहरा बन रही हैं।
पूजा का किरदार हमें ये सोचने पर मजबूर करता है कि जो आंखें मासूम दिखती हैं, जरूरी नहीं कि उनका दिल भी वैसा हो।
पूजा जाटव की कहानी एक डरावनी हकीकत है, जो बताती है कि जुर्म के चेहरे बदल चुके हैं। अब यह महज़ गुंडों या माफियाओं तक सीमित नहीं, बल्कि ‘डिजिटल ग्लैमर’ में लिपटी औरतें भी आज क्राइम की स्क्रिप्ट खुद लिखने लगी हैं।