भारत में बढ़ रहे विवाहेतर संबंधों के चलते पतियों की हत्या के मामले चिंता का विषय बन गए हैं। NCRB की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पत्नियों द्वारा पतियों की हत्या के 785 मामले दर्ज।
संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
इंदौर के राजा रघुवंशी की हत्या ने एक बार फिर उस खौफनाक सच्चाई को उजागर कर दिया है, जो आज के सामाजिक ताने-बाने को झकझोर कर रख देती है। घटनाएं अब सिर्फ फिल्मों या अपराध कथा तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि हकीकत बनकर समाज में डर और अविश्वास का माहौल बना रही हैं। विशेषकर तब, जब पत्नियां ही अपने पतियों की हत्या की साजिश रचने लगें — वह भी प्रेम प्रसंग या विवाहेतर संबंधों के चलते।
इसी संदर्भ में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट बेहद डरावनी तस्वीर पेश करती है।
5 साल में 785 मामले: रिश्तों में दरार या अपराध की नई शक्ल?
NCRB और विभिन्न राज्य क्राइम रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले पांच वर्षों (2020–2024) में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और बिहार जैसे राज्यों से 785 ऐसे केस दर्ज हुए हैं जिनमें पत्नियों ने या तो अपने पति की हत्या की या उनकी हत्या करवाने में संलिप्त पाई गईं।
इनमें से उत्तर प्रदेश सबसे आगे है, जहां 198 मामले केवल प्रेम प्रसंग या विवाहेतर संबंधों की वजह से सामने आए हैं। अधिकतर घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों की हैं, जहां सामाजिक दबाव, अविश्वास और संकोच के बीच यह अपराध जन्म लेते हैं।
प्रमुख घटनाएं: जब पत्नियां बन गईं हत्यारिन
मेरठ का सौरभ हत्याकांड
3 मार्च 2025 को मेरठ में हुई यह घटना मानवता को शर्मसार कर देने वाली थी। सौरभ राजपूत की हत्या उसकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला ने मिलकर की।
पहले चाकू से सौरभ के सीने पर वार किया गया, फिर उस्तरे से उसका गला रेता गया। पहचान छिपाने के लिए साहिल ने शव के टुकड़े कर दिए — सिर और कलाई अलग कर दी गई। इसके बाद शव को एक नीले ड्रम में बंद कर उसमें सीमेंट भर दिया गया।
अमित कुमार हत्याकांड – मेरठ
अमित कुमार की पत्नी रविता और उसके प्रेमी अमरदीप ने मिलकर एक भयावह योजना बनाई। घटना बहसूमा थाना क्षेत्र के अकबरपुर सादात गांव की है।
दोनों ने अमित की गला घोंटकर हत्या की और उसे सांप के काटने जैसा दिखाने के लिए शव के पास एक सांप रख दिया। पोस्टमार्टम में असलियत सामने आई कि मौत दम घुटने से हुई थी।
देवरिया का नौशाद हत्याकांड
देवरिया का यह मामला भी चौंकाने वाला है। नौशाद, जो सऊदी अरब से कुछ दिन पहले ही लौटा था, उसकी हत्या उसकी पत्नी ने कर दी।
सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि पत्नी का अफेयर नौशाद के ही भांजे से चल रहा था। दस दिनों के भीतर नौशाद की जान ले ली गई।
ट्रेंड या चेतावनी: समाज को झकझोरती हत्याएं
इन घटनाओं से साफ होता है कि अब पति-पत्नी के रिश्ते सिर्फ ‘सात जन्मों’ की बात नहीं रहे। जब विवाहेतर संबंध और भावनात्मक दूरी हावी होने लगती है, तब अपराध जन्म लेता है।
विवाह संस्था की मर्यादा पर उठते सवाल, रिश्तों में संवादहीनता, और आधुनिक जीवनशैली की आपाधापी ने इस संकट को और गहरा कर दिया है।
NCRB का चेतावनी संकेत
NCRB के आंकड़े यह भी बताते हैं कि इन मामलों में अधिकांश आरोपी महिलाओं को परिवार या प्रेमी का साथ मिला। इससे यह साफ होता है कि अपराध योजनाबद्ध तरीके से किया गया था, न कि आवेश में।
इसके अलावा, मीडिया रिपोर्ट्स भी इस ट्रेंड को बढ़ती हुई प्रवृत्ति बता रही हैं — जिसमें महिलाएं या तो अपने प्रेमियों के साथ मिलकर साजिश रचती हैं या स्वयं ही हत्यारिन बन जाती हैं।
ये घटनाएं समाज के सामने गंभीर सवाल खड़े करती हैं। क्या विवाह संस्था कमजोर हो रही है? क्या संवाद और विश्वास की कमी ही इन हत्याओं का कारण बन रही है? और क्या कानूनी व सामाजिक उपायों से इस पर रोक संभव है?
इन सवालों का जवाब ढूंढना अब सिर्फ कानून व्यवस्था का काम नहीं, बल्कि समाज और परिवार की ज़िम्मेदारी भी बन चुकी है।