अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर भ्रष्टाचार और अन्याय का आरोप लगाया, कहा— अधिकारी अब प्रदेश के बाहर कर रहे निवेश, पीडीए वर्ग की एकजुटता से डरी भाजपा। जानिए क्या बोले सपा प्रमुख।
संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर करारा प्रहार करते हुए आरोप लगाया है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार और अन्याय अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका है। रविवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान अखिलेश ने यह भी दावा किया कि पहली बार प्रदेश के अधिकारी उत्तर प्रदेश के बाहर “निवेश” कर रहे हैं, जो कि बेहद गंभीर और चिंताजनक स्थिति है।
गेहूं खरीद घोटाले के बहाने भ्रष्टाचार पर बड़ा हमला
सपा नेता अखिलेश यादव का यह बयान उस समय आया जब नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सिद्धार्थनगर जिले में गेहूं खरीद के नाम पर 64 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया। अखिलेश ने कहा, “भाजपा सरकार में न तो भ्रष्टाचार पर लगाम है और न ही आमजन के साथ होने वाले अन्याय पर कोई नियंत्रण।”
पीडीए की एकजुटता से घबराई भाजपा: अखिलेश यादव
इसके साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियों और भेदभावपूर्ण रवैये के कारण पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) वर्ग एकजुट हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इसी एकजुटता से घबराकर जातिवार जनगणना का सहारा ले रही है। उन्होंने कहा, “जनगणना में भी धांधली ना हो, इसलिए पीडीए वर्ग को और भी अधिक सतर्क और संगठित रहने की जरूरत है।”
“403 विधानसभाओं में नहीं चलेगी भाजपा की कोई चालबाज़ी”
प्रेस वार्ता के दौरान अखिलेश ने स्पष्ट कहा कि आगामी चुनाव में भाजपा की कोई “चार सौ बीसी” नहीं चलने दी जाएगी। उन्होंने जोर देते हुए कहा, “भाजपा हर चुनाव में चालबाज़ी करती है, लेकिन इस बार जनता तैयार है और हम हर विधानसभा क्षेत्र में इनके झूठ को उजागर करेंगे।”
165 करोड़ का घोटाला और अधिकारियों की बेनामी संपत्ति
भ्रष्टाचार के आरोपों को और विस्तार देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि कई अधिकारियों पर 165 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं की जांच चल रही है। उन्होंने एक अधिकारी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह इतने ‘ईमानदार’ थे कि अपने नाम पर एक भी संपत्ति नहीं ली, बल्कि अपने साथियों के नाम पर दर्जनों फ्लैट खरीद लिए – वह भी केवल यूपी में ही नहीं, बल्कि प्रदेश से बाहर भी।