पहलगाम आतंकी हमले पर कांग्रेस की सफाई: पार्टी ने कहा कि कुछ नेताओं के व्यक्तिगत बयान आधिकारिक नहीं हैं। भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए तीखा हमला बोला।
परवेज़ अंसारी की रिपोर्ट
पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस नेताओं की टिप्पणियों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीखे हमले के बाद, कांग्रेस ने सोमवार को स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि कुछ नेताओं के व्यक्तिगत बयान पार्टी की आधिकारिक राय नहीं हैं। इसके साथ ही, कांग्रेस ने दो टूक शब्दों में कहा कि पार्टी का रुख केवल कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) के प्रस्ताव और शीर्ष नेताओं – मल्लिकार्जुन खड़गे तथा राहुल गांधी – द्वारा व्यक्त विचारों से तय होता है।
कांग्रेस के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने एक आधिकारिक बयान में कहा,
“कांग्रेस कार्यसमिति ने 24 अप्रैल 2025 को अपनी बैठक में पहलगाम में हुए निर्मम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था। इसके तुरंत बाद, 25 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सर्वदलीय बैठक में पार्टी का पक्ष मजबूती से रखा।”
उन्होंने आगे स्पष्ट किया,
“कुछ कांग्रेस नेता मीडिया से जो भी व्यक्तिगत राय व्यक्त कर रहे हैं, वे कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक विचार नहीं हैं। ऐसे संवेदनशील समय में किसी भी तरह का भ्रम नहीं फैलना चाहिए। पार्टी का अधिकारिक रुख सिर्फ कांग्रेस कार्यसमिति के प्रस्ताव, खड़गे जी और राहुल गांधी के विचारों तथा अधिकृत एआईसीसी पदाधिकारियों के बयानों से ही तय होता है।”
भाजपा ने तेज किया हमला
इस बीच, भाजपा ने कांग्रेस पर हमले और तेज कर दिए। दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने सवाल किया,
“क्या कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी का अपनी पार्टी पर कोई नियंत्रण नहीं है?”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं के बयानों का पाकिस्तान द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है।
रविशंकर प्रसाद ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बयान का हवाला देते हुए कहा, “सिद्धारमैया ने कहा कि युद्ध कोई विकल्प नहीं है। पाकिस्तान के मीडिया चैनल्स और अखबार इस बयान को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस नेतृत्व ने उनसे इस पर बातचीत की है या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी?”
विवादित बयान बने मुद्दा
दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि युद्ध छेड़ना समाधान नहीं है; बल्कि केंद्र सरकार को कश्मीर में सुरक्षा कड़ी करनी चाहिए। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था, “युद्ध आवश्यक नहीं है। शांति सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपाय मजबूत किए जाएं।”
वहीं, महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने भी एक विवादास्पद टिप्पणी करते हुए कहा था कि “सरकार को इस हमले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए,” जिससे एक नया विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने कहा कि “सरकार का दावा है कि आतंकी हमले में धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया गया,” जिस पर विपक्ष ने कांग्रेस पर हमले और तीखे कर दिए।
अतः यह स्पष्ट है कि कांग्रेस ने अपने रुख को लेकर सफाई दी है, जबकि भाजपा कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़े कर रही है। इस पूरे घटनाक्रम ने आगामी राजनीतिक बहसों में एक नया मोड़ ला दिया है।