गौरक्षा समिति ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए बांदा में कैंडल मार्च निकाला। दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।”
रिपोर्ट – संतोष कुमार सोनी के साथ सुशील कुमार मिश्रा
बांदा। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों द्वारा हिंदुओं पर किए गए बर्बर हमले से पूरा देश स्तब्ध है। इस दर्दनाक घटना के विरोध में जहां विभिन्न संगठन अपने-अपने स्तर पर आक्रोश जता रहे हैं, वहीं विश्व हिंदू महासंघ की गौरक्षा समिति ने भी अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
इस क्रम में, समिति के जिला मीडिया प्रभारी मितेश कुमार ने जानकारी दी कि बांदा में गौरक्षा समिति के पदाधिकारियों ने एकजुट होकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए कैंडल जलाकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
यह कैंडल मार्च गौरक्षा समिति के जिलाध्यक्ष महेश कुमार प्रजापति के नेतृत्व में “कान्हाकुंज” (लोहिया पुल के पास) से शुरू होकर चमरौड़ी चौराहे पर सम्पन्न हुआ। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने “पाकिस्तान मुर्दाबाद” तथा “पाकिस्तान होश में आओ” जैसे गगनभेदी नारे लगाए। साथ ही, दोषी आतंकियों के विरुद्ध त्वरित और कड़ी कार्रवाई की मांग भी की गई।
महत्वपूर्ण रूप से, इस विरोध प्रदर्शन में समाज के विभिन्न वर्गों, विशेषकर मातृशक्ति, ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। मातृशक्ति जिला अध्यक्ष पार्वती गुप्ता के नेतृत्व में दर्जनों महिलाओं ने भी आक्रोश व्यक्त करते हुए दिवंगतों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता आयुष त्रिपाठी, जिला संयोजक श्रद्धा गुप्ता, सुकीर्ति गुप्ता, विनीता कौशल, पुष्पा देवी, सुनीता विश्वकर्मा, प्रीति साहू, गौ रक्षा समिति के जिला संयोजक महेश तिवारी, जिला प्रभारी सुरेश कान्हा, जिला महामंत्री राकेश त्रिपाठी, जिला सह प्रभारी आलोक कुमार निगम सहित कई पदाधिकारी एवं सैकड़ों प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में सम्मिलित अन्य प्रमुख व्यक्तित्वों में:
जिला उपाध्यक्ष राघवेंद्र द्विवेदी, आलोक प्रजापति, तहसील अध्यक्ष प्रेमचंद गुप्ता, नगर अध्यक्ष बृज किशोर द्विवेदी, नगर उपाध्यक्ष राहुल गुप्ता, विनोद कुमार वर्मा, रामकरण पाल, युवा नगर अध्यक्ष उदय प्रताप, डेविड, पैलानी तहसील अध्यक्ष पवन कुमार द्विवेदी एवं अन्य अनेक समाजसेवी शामिल रहे।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्र और दिवंगत आत्माओं के प्रति शांति की प्रार्थना के साथ हुआ। गौरक्षा समिति ने यह स्पष्ट किया कि इस अमानवीय हमले में संलिप्त किसी भी दोषी को क्षमा नहीं किया जाना चाहिए।
इस घटना ने समूचे देश को झकझोर कर रख दिया है और हर नागरिक के मन में पीड़ा और आक्रोश उत्पन्न किया है।