संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
गोरखपुर पुलिस ने शनिवार सुबह ई-रिक्शा, टैंपो और भीड़भाड़ वाले इलाकों में महिलाओं के गहने चुराने वाले महाराष्ट्र के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया। गिरोह में पांच महिलाएं और दो पुरुष शामिल थे, जिन्हें पुलिस ने सरदार तिराहे के पास से गिरफ्तार किया। यह गिरोह खिचड़ी मेले में चोरी करने की योजना बना रहा था, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के चलते उनके मंसूबे नाकाम हो गए।
पुलिस ने की अहम बरामदगी
गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस ने 26,000 रुपये नकद, सोने का कंगन और उनका वाहन बरामद किया। मामले का खुलासा करते हुए कैंट थाना प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि पिछले साल 19 अक्तूबर को गोलघर इलाके में ई-रिक्शा में बैठी एक महिला के सोने के गहने चोरी हो गए थे। इस घटना की रिपोर्ट पीड़िता ने दर्ज कराई थी, लेकिन आरोपियों का सुराग नहीं लग पाया था।
गिरफ्तारी कैसे हुई?
पुलिस को शनिवार सुबह मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध लोग सरदार तिराहे के पास हैं। सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने वहां से पांच महिलाओं और दो पुरुषों को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अलग-अलग बयान दिए, जिससे पुलिस को उनकी संदेहास्पद गतिविधियों का पता चला।
सीसीटीवी फुटेज से हुआ पहचान का खुलासा
पुलिस ने जब पिछले साल गोलघर में हुई चोरी की घटना के सीसीटीवी फुटेज से इन महिलाओं की पहचान की, तो दो महिलाओं की पुष्टि हो गई। सख्ती से पूछताछ के बाद उन्होंने गहने चोरी करने की बात कबूल की। आरोपियों ने बताया कि वे सभी महाराष्ट्र के नागपुर जिले के निवासी हैं और शनिवार सुबह ही गोरखपुर पहुंचे थे।
आरोपियों की पहचान और रणनीति
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों की पहचान ज्योति प्रसाद, गरीब मानकर, अरुणा, प्रीति, कविता, बबीता और संगीता के रूप में की है। ये सभी नागपुर के अलग-अलग इलाकों से ताल्लुक रखते हैं। आरोपियों ने खुलासा किया कि वे देशभर के धर्मस्थलों और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाकर महिलाओं के गहने और नकदी चुराते हैं।
धर्मस्थलों पर सक्रिय गिरोह
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे अयोध्या, चित्रकूट, बांदा, वाराणसी, प्रयागराज और मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों पर भीड़ का फायदा उठाकर चोरी और लूट की घटनाओं को अंजाम देते हैं। वे शहर में आने के बाद किसी बाहरी इलाके में किराए का कमरा लेते हैं और वहां से अपनी गतिविधियां संचालित करते हैं।
कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि गिरोह संगठित तरीके से अपराध को अंजाम देता था और लंबे समय से पुलिस की नजरों से बचता आ रहा था।
गोरखपुर पुलिस की इस सफलता से न केवल महिलाओं में सुरक्षा का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि अन्य अपराधियों के हौसले भी पस्त होंगे।