सीपत थाना परिसर में आयोजित शिकायत समाधान शिविर में SSP रजनेश सिंह ने जुहली गांव की महिला कमांडो को सम्मानित किया। कार्यक्रम में 72 गांवों के प्रतिनिधियों और जनप्रतिनिधियों की रही उपस्थिति।
हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
सीपत, बिलासपुर। जनसुनवाई को प्रभावी और पारदर्शी बनाने की दिशा में सीपत थाना परिसर में सोमवार को शिकायत समाधान शिविर का आयोजन किया गया। थाना प्रभारी गोपाल सतपथी के नेतृत्व में आयोजित इस शिविर में जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) रजनेश सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। शिविर के प्रारंभ में थाना प्रभारी ने SSP का स्वागत करते हुए उन्हें बुके भेंटकर सम्मानित किया।
शिविर में एडिशनल एसपी (ग्रामीण) अर्चना झा, एसडीओपी सिद्धार्थ बघेल सहित बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी, जनप्रतिनिधि और ग्रामीणजन मौजूद रहे।
शिविर का उद्देश्य: पारदर्शिता और त्वरित न्याय
अपने स्वागत भाषण में टीआई गोपाल सतपथी ने बताया कि इस शिविर का मूल उद्देश्य जनशिकायतों का तत्काल और निष्पक्ष समाधान करना है, जिससे पुलिस व्यवस्था में जनता का विश्वास और भी मजबूत हो सके।
महिला कमांडो को चेतना प्रहरी का दर्जा
इस अवसर पर SSP रजनेश सिंह ने जुहली ग्राम की साहसी महिलाओं को “चेतना प्रहरी” की उपाधि देते हुए कहा कि “इन महिलाओं ने अपने गांव को नशामुक्त बनाने के लिए जिस साहस और प्रतिबद्धता का परिचय दिया है, वह संपूर्ण जिला ही नहीं, प्रदेश के लिए प्रेरणास्रोत है।”
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वनांचल ग्राम जुहली आदर्श ग्राम के रूप में स्थापित होगा।
एसएसपी ने जुहली की महिलाओं को महिला कमांडो कहकर संबोधित किया और उन्हें गांजा, टेबलेट, शराब जैसी समस्त नशीली वस्तुओं के खिलाफ जारी आंदोलन को और भी व्यापक बनाने की अपील की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा,
“अगर कोई हमारी आंखों के सामने नशे का कारोबार करता है, तो उसकी कमर तोड़ दी जाएगी।”
नारी शक्ति की सराहना
एडिशनल एसपी अर्चना झा ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि “जब नारी सशक्त होती है, तब समाज संस्कारवान बनता है। आप सभी नारी सशक्तिकरण की जीवंत मिसाल हैं।”
उन्होंने कहा कि अब जुहली की चेतना पूरे वनांचल में फैल रही है और यह एक जन-आंदोलन का रूप ले चुका है।
जुहली की महिलाओं ने बताया अपना अनुभव
इससे पूर्व जुहली की महिला विष्णु देवी सारथी और दुखनीबाई मरकाम ने बताया कि अब गांव में नशे का नामोनिशान नहीं है। लगभग 300 महिलाओं ने दिन-रात लाठियां लेकर शराब के खिलाफ अभियान चलाया, तब जाकर यह सफलता मिली।
जनप्रतिनिधियों की भागीदारी
शिविर में कांग्रेस नेता प्रमोद जायसवाल ने खांडा गांव में अवैध शराब निर्माण को बंद कराने हेतु SSP को आवेदन सौंपा। इसके अतिरिक्त जिला पंचायत सदस्य राजेंद्र धीवर, जनपद सभापति मनोज खरे, सीपत सरपंच मनीषा योगेश वंशकार, भाजपा नेता तामेश्वर कौशिक, जनपद सदस्य रेवाशंकर साहू सहित कई जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
सम्मान समारोह
कार्यक्रम में जुहली की महिला कमांडो को आदिवासी गमछा, सुरक्षा लाठी और सिटी भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस शिविर में कुल 18 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनका प्राथमिकता से निपटारा करने का भरोसा पुलिस ने दिलाया।
बच्चों की शिक्षा पर विशेष जोर
कार्यक्रम के अंत में SSP ने ग्रामीणों से अपील की कि वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दें, उन्हें मोबाइल और गलत आदतों से दूर रखें ताकि वे भविष्य में समाज और देश का नाम रोशन कर सकें।
सीपत में आयोजित यह शिकायत समाधान शिविर सिर्फ एक प्रशासनिक पहल नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना का प्रतीक बनकर उभरा। जुहली की महिला कमांडो ने जो अलख जगाई है, वह अब पूरे वनांचल में नशामुक्ति और जनजागरण का स्वरूप ले रही है।