लखनऊ में आयोजित पत्रकारिता जागरूकता संगोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार रविकान्त मिश्र ने कहा कि आज की पत्रकारिता अपने मिशन से भटक गई है। संगोष्ठी में पीत पत्रकारिता से दूर रहने और समाजहित में कार्य करने का संकल्प लिया गया।
जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट
लखनऊ। पत्रकारिता के बदलते स्वरूप और गिरते मूल्यों पर चिंता व्यक्त करते हुए राजधानी लखनऊ के तकरोही क्षेत्र में एक पत्रकारिता जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का आयोजन देश की आन, ऊँची खोज समाचार पत्र के प्रमुख रविकान्त मिश्र एवं अन्य पत्रकारों द्वारा किया गया। इस अवसर पर लखनऊ, देहरादून सहित विभिन्न जनपदों से आये प्रबुद्धजनों एवं पत्रकारों ने सक्रिय सहभागिता दर्ज कराई।
गौरतलब है कि संगोष्ठी में महिलाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि पत्रकारिता को अपने मूल मिशन—सत्य, निष्पक्षता और जनसेवा—से नहीं भटकना चाहिए।
इस मौके पर देश की आन, ऊँची खोज के प्रधान संपादक रविकान्त मिश्र ने साफ कहा, “आज की पत्रकारिता अपने असली मुद्दों से भटककर सिर्फ थानों, अधिकारियों और नेताओं की चापलूसी तक सीमित रह गई है। सूचना विभाग और उसके अधिकारियों की जानकारी तक अधिकांश पत्रकारों को नहीं है, जो चिंताजनक है।”
इसके अतिरिक्त पत्रकार शशांक शेखर मिश्र ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि पत्रकारों को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए पीत पत्रकारिता से बचना चाहिए।
कार्यक्रम में मीरा मिश्रा, पूजा मिश्र, श्रवण कुमार, आनन्द कर्ण, चंद सेन भारती, जगदम्बा उपाध्याय सहित कई जिलों से आये संवाददाता एवं छायाकार उपस्थित रहे। सभी ने देश की आन, ऊँची खोज को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने और समाज तथा राष्ट्र के विकास में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया।