अपराधराष्ट्रीय

रुह कंपा देती है ये घटनाएं ; आफताब की दरिंदगी ने प्यार के 35 टुकड़े किए तो इससे पहले देहरादून में दरिंदा पति ने पत्नी के 72 टुकड़े किए 

टिक्कू आपचे की रिपोर्ट 

दिल्ली के श्रद्धा हत्याकांड ने देशभर को हिलाकर रख दिया है। आफताब ने श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े किए और जंगल में फेंक दिया, लेकिन प्यार, तकरार और शरीर के कई टुकड़े करने का यह मामला नया नहीं है। 12 साल पहले देहरादून में कुछ ऐसा ही हुआ था। जब एक पति ने अपनी पत्नी की हत्या की और लाश के 72 टुकड़े कर दिए। बेरहमी से हुई इन दर्दनाक हत्याओं में एक पैटर्न नजर आता है।

मर्डर के बाद फैमिली और फ्रेंड्स की नजरों में श्रद्धा को जिंदा दिखाने के लिए आफताब उसके इंस्टाग्राम प्रोफाइल और अकाउंट को अपडेट रखता था। वो रोज कुछ न कुछ पोस्ट करता रहता था।

IMG_COM_20230613_0209_43_1301

IMG_COM_20230613_0209_43_1301

IMG_COM_20230629_1926_36_5501

IMG_COM_20230629_1926_36_5501

IMG_COM_20231006_1759_14_3141

IMG_COM_20231006_1759_14_3141

IMG_COM_20231127_2111_47_1471

IMG_COM_20231127_2111_47_1471

navbharat-times-105818370

navbharat-times-105818370

IMG_COM_20231210_2108_40_5351

IMG_COM_20231210_2108_40_5351

न्यूज एजेंसी से बातचीत में एक पुलिस अफसर ने कहा- आफताब ने पूछताछ में बताया कि वो वेब सीरीज और खासतौर पर क्राइम शोज देखने का आदी था। इन्हीं को देखकर उसने यह सीखा कि कैसे श्रद्धा को फैमिली और फ्रेंड्स की नजरों में उसे जिंदा दिखाया जाए।

इससे पहले आफताब ने श्रद्धा के बॉडी पार्ट्स को आरी से काटकर फ्रिज में सुरक्षित रखने और उसे 18 दिन तक लगातार जंगलों में ठिकाने लगाने का आइडिया भी इन्हीं वेब सीरीज और क्राइम शोज से सीखा था। इतना ही नहीं गूगल के जरिए उसने खून साफ करने का तरीका भी ढूंढा था।

18 मई से पहले ही मारने का मन बना लिया था

सूत्रों के मुताबिक, आफताब ने पुलिस के सामने कबूला कि मर्डर वाले दिन यानी 18 मई से एक हफ्ते पहले ही आफताब ने श्रद्धा को मारने का मन बना लिया था। उस दिन भी श्रद्धा और आफताब का झगड़ा हुआ था। मैंने 11 मई को ही उसे मारने की ठान ली थी कि वह अचानक से इमोशनल हो गई और रोने लगी। इसलिए मैंने तय किया कि अब इसे किसी और दिन मारूंगा।

फ्रिज में श्रद्धा का कटा हुआ सिर देखता था आफताब

पुलिस पूछताछ में आफताब की दरिंदगी और हैवानियत की इंतहा भी सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, आफताब ने जिस कमरे में श्रद्धा की डेड बॉडी के टुकड़े फ्रिज में रखे थे, वह उसी कमरे में लगातार 18 दिन सोता रहा। इतना ही नहीं वह रोज फ्रिज खोलकर श्रद्धा के कटे हुए सिर को भी देखता था।

श्रद्धा के टुकड़े करते आफताब का हाथ कटा था

आफताब को लेकर एक डॉक्टर अनिल कुमार का बयान सामने आया है। डॉक्टर का दावा है कि आफताब मई में सुबह के समय उनके क्लिनिक आया था। उसका हाथ कटा हुआ था। वह बहुत आक्रामक और बेचैन लग रहा था। जब मैंने चोट के बारे में पूछा तो उसने कहा कि फल काटते समय उसका हाथ कट गया था। डॉक्टर ने बताया कि दो दिन पहले पुलिस आफताब को लेकर मेरे क्लिनिक आई थी। मैंने सारी बातें पुलिस को बताई हैं।

पिता को नहीं पता था कि बेटी कहां है…

न्यूज एजेंसी से बातचीत में श्रद्धा के पिता विकास ने कहा- मेरी उससे आखिरी बार 2021 में हुई थी। तब मैंने उससे पूछा था कि तुम्हारा लिव इन पार्टनर कैसा है। उसने ज्यादा कुछ नहीं बताया था। मुझे तो यह भी नहीं पता था कि वो दिल्ली शिफ्ट हो गई है। उसकी एक दोस्त ने बताया कि श्रद्धा बंगलुरु में नहीं, बल्कि दिल्ली में है। आफताब को सबूत मिटाने के लिए बहुत वक्त मिल गया।

मुंबई की रहने वाली श्रद्धा ने मास मीडिया की पढ़ाई की थी। कॉलेज में दोस्त उसे 4जी गर्ल कहकर बुलाते थे। वह हमेशा हंसती रहती थी। पिक्सी कट बाल होने की वजह से उसकी अलग पहचान भी थी। उसने अपने दोस्तों को आफताब के साथ रिलेशनशिप के बारे में बताया था। श्रद्धा की लाइफ को समझने के लिए हमने कॉलेज में उसके दोस्त रहे रजत से बात की।

रजत ने श्रद्धा और उसकी रिलेशनशिप के बारे में जो बताया, पढ़िए…

मैं श्रद्धा को 2015 से जानता था। हम बैचलर्स ऑफ मास मीडिया में साथ पढ़े थे, 2015 से 2018 तक। इसके बाद 2019 तक हमारा कॉन्टैक्ट रहा। हमें 2019 में ही पता चला था कि वह आफताब के साथ रिश्ते में है।

आफताब कॉलेज में हमारे साथ नहीं था। वह वसई से था और श्रद्धा के घर के आसपास ही रहता था। दोनों काफी मैच्योर थे और अपने फैसले लेने में सक्षम थे। तब हमें लग रहा था कि दोनों का साथ होना ठीक है।

श्रद्धा कहती थी, वह रिश्ते से बाहर आना चाहती है

बाद में श्रद्धा बताती थी कि आफताब उसके साथ मारपीट करता है। हम सभी दोस्तों को लगता था कि वह गलत रिलेशनशिप में है, लेकिन हम दोस्त थे, ज्यादा से ज्यादा सलाह ही दे सकते थे। श्रद्धा बार-बार ये कहा करती थी कि वह इस रिश्ते से बाहर आ सकती है। हम सीमित दायरे में ही उनके रिश्ते में दखल दे सकते थे। हमें उसकी फिक्र तो होती ही थी।

आफताब भी बहुत रिजर्व और साधारण था। उसे कभी हम पूरी तरह जान ही नहीं पाए, अब जब उसके बारे में पता चला तो हैरानी हुई। मैं तो कभी उससे नहीं मिला, लेकिन कुछ दोस्त जरूर मिले थे।

लगता नहीं कि श्रद्धा शादी के लिए दबाव डालती होगी

मुझे ये बात कहानी लग रही है कि श्रद्धा आफताब पर शादी के लिए दबाव डाल रही थी और इस वजह से ये मर्डर हुआ। जो श्रद्धा को जानते हैं, उन्हें इस बात पर यकीन नहीं होगा। ये विश्वास नहीं होता कि श्रद्धा किसी पर शादी के लिए दबाव डालेगी।

श्रद्धा अपनी मां के बहुत करीब थी। एक साल पहले उनका निधन हो चुका है। वह अपने पिता के बहुत नजदीक नहीं थी। उसके बाद शायद वह बहुत अकेली हो गई थी।

अब ऐसा लगता है कि आफताब ने उसकी कमजोरी का फायदा उठाया। या उसका कोई और मकसद भी रहा होगा। उसने लाश के 35 टुकड़े किए। हम ये यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि कोई इंसान अकेले ऐसा कर सकता है, हो सकता है कि कुछ और लोग उसके साथ हों। मैं किसी पर शक जाहिर नहीं कर रहा हूं, मैं किसी ऐसे व्यक्ति को जानता भी नहीं हूं, जो इसमें शामिल रहा हो।

मुंबई में बताया था कि जॉब के लिए दिल्ली जा रही है

हमें कभी ये नहीं लगा कि वह आफताब को लेकर कभी इनसिक्योर रही हो। शुरुआत में उनका रिश्ता खूबसूरत था। बाद में आफताब मारपीट करने लगा। उसके बाद वह बहुत अकेली रहने लगी। वह मुंबई से गई थी, तो बताया गया कि जॉब करने के लिए जा रही है। इससे ज्यादा किसी को पता नहीं था।

हम महरौली में उस जगह पहुंचे, जहां आफताब और श्रद्धा रहते थे। पड़ोसी दोनों बारे में कुछ नहीं जानते। मेल-मुलाकात तो दूर बातचीत भी नहीं होती थी।

Tags

samachar

"ज़िद है दुनिया जीतने की" "हटो व्योम के मेघ पंथ से स्वर्ग लूटने हम आते हैं"
Back to top button
Close
Close
%d