हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में भयंकर बारिश ने मचाई तबाही। मनूणी खड्ड में मजदूर बहे, दो शव मिले। मौसम विभाग ने पांच जिलों में फ्लैश फ्लड का अलर्ट जारी किया। जानिए पूरा अपडेट।
राकेश सूद की रिपोर्ट
धर्मशाला/शिमला। हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर प्रकृति का कहर टूटा है। खासकर कांगड़ा जिले के खनियारा इलाके में बुधवार को अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचा दी। मनूणी खड्ड में उफान के चलते कई मजदूरों के बहने की आशंका है। खबर लिखे जाने तक दो शव बरामद किए जा चुके थे, जबकि अन्य की तलाश एसडीआरएफ, प्रशासन और पुलिस की टीमों द्वारा की जा रही है।
बाढ़ में बहे मजदूर, उपकरण और सड़कें भी चपेट में
इंदिरा प्रियदर्शिनी हाइड्रल प्रोजेक्ट के अंतर्गत काम कर रहे दो मजदूरों के शव मनूणी खड्ड से बरामद हुए हैं। दोनों मृतक बाहरी राज्य के बताए जा रहे हैं, लेकिन उनकी पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। एक शव लूंटा के पास बहकर पहुंचा था, जिसे पोस्टमार्टम के लिए धर्मशाला अस्पताल भेजा गया है। दूसरा शव अभी भी नगुनी से ऊपर खड्ड किनारे पड़ा है, जिसे लाने के प्रयास जारी हैं। बाढ़ की विभीषिका इतनी जबरदस्त थी कि प्रोजेक्ट की ओर जाने वाली सड़कें, एक जेसीबी और अन्य उपकरण भी पानी में बह गए।
डरे मजदूर, घर लौटने की जताई इच्छा
बाढ़ की भयावहता देख कुछ मजदूर जान बचाकर खनियारा गांव तक भागने में सफल रहे। अब ये मजदूर डर के कारण अपने राज्य लौटने की बात कह रहे हैं। इस आपदा ने न केवल जानमाल का नुकसान किया है, बल्कि मजदूरों के मन में स्थायी भय भी भर दिया है।
देशराज और उनकी बकरियों को दमकल विभाग ने बचाया
इसी बीच 71 वर्षीय देशराज निवासी सिद्धपुर, अपनी 15 भेड़-बकरियों के साथ फतेहपुर के पास खड्ड में फंस गए थे। दमकल विभाग ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया। यह राहत की एकमात्र किरण मानी जा रही है।
पहले भी बाढ़ से बाल-बाल बचे थे प्रोजेक्ट के ट्रक
गौरतलब है कि इससे पहले भी इसी प्रोजेक्ट के उपकरण और ट्रक बारिश के दौरान फंस चुके थे, मगर उस वक्त वे किसी तरह बचा लिए गए थे। लेकिन इस बार प्रकृति ने कोई रियायत नहीं दी।
मौसम विभाग ने जारी किया फ्लैश फ्लड अलर्ट, कई जिलों पर खतरा मंडरा रहा
शिमला स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने वीरवार के लिए प्रदेश के चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में फ्लैश फ्लड की चेतावनी जारी की है। एडवाइजरी में स्पष्ट कहा गया है कि लोग नदी-नालों के समीप न जाएं और पूरी सावधानी बरतें।
सैंज घाटी में फटा बादल, एनएचपीसी प्रोजेक्ट बंद
बुधवार को सैंज घाटी में बादल फटने की सूचना मिली है, जिससे जीवा नाला उफान पर आ गया है। नाले में उफान के चलते एनएचपीसी का सैंज प्रोजेक्ट बंद कर दिया गया है। साथ ही क्षेत्र में भारी नुकसान की भी आशंका जताई जा रही है।
लाहौल-सिरमौर में तबाही, सड़कें अवरुद्ध, पेयजल पाइपलाइनें बहीं
लाहौल के उदयपुर उपमंडल में बाढ़ के कारण चौखंग-नैनगार सड़क यातायात के लिए अवरुद्ध हो गई है। चंद्रभागा नदी में जलस्तर बढ़ने से जसरथ झूला और पेयजल पाइपलाइनों को भारी नुकसान हुआ है। वहीं सिरमौर के शिलाई क्षेत्र के क्यारी गांव में एक घर का आंगन गिरने से मकान भी खतरे में आ गया है।
मणिकर्ण घाटी में डैम से छोड़ा गया पानी, पुल बहा
पार्वती नदी में एनएचपीसी डैम से पानी छोड़े जाने के बाद बलाधी गांव को जोड़ने वाला पुल भी बह गया है, जिससे संपर्क पूरी तरह टूट गया है। बाढ़ जैसे हालात यहां भी लोगों के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं।
पूरी तरह सक्रिय हुआ मानसून, बढ़ रही चिंता
जहां मानसून के शुरुआती चरण में बारिश धीमी थी, वहीं अब तेज रफ्तार से सक्रिय हुआ मानसून लोगों के लिए आफत बनता जा रहा है। बड़े नालों के साथ छोटे-छोटे नाले भी उफान पर हैं, जिससे आम जनजीवन पर संकट गहरा रहा है।
प्रशासन अलर्ट पर, लोगों से संयम बरतने की अपील
धर्मशाला के एसडीएम मोहित रत्न ने पुष्टि की है कि प्रशासनिक टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है और बाकी मजदूरों की तलाश भी जारी है। साथ ही, स्थानीय लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे अनावश्यक रूप से नदी-नालों की ओर न जाएं।