सोनू करवरिया की रिपोर्ट
बांदा जनपद के नरैनी क्षेत्र में पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता के चलते अवैध बालू खनन का कार्य दिन-रात धड़ल्ले से जारी है। स्थानीय लोगों के अनुसार, बागे नदी के किनारे बसे गांवों में खनन माफिया भारी मशीनों और ट्रैक्टरों की मदद से बालू का अवैध दोहन कर रहे हैं। यह गतिविधि रात के अंधेरे में ही नहीं, बल्कि दिन के उजाले में भी बेखौफ तरीके से की जा रही है।
गांवों में हो रहा अवैध खनन
क्षेत्र के दिवली, राजापुर, और मुगौरा जैसे गांवों में रात के समय बालू भरे ट्रैक्टरों की आवाजाही आम हो गई है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि माफिया उनके खेतों से जबरन ट्रैक्टर ले जाते हैं, जिससे उनकी फसलों को भारी नुकसान हो रहा है। इतना ही नहीं, दिन के समय ई-रिक्शा के जरिए बालू लोड कर घाट पर इकट्ठा किया जाता है और खुलेआम बेचा जाता है।
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प्रशासन को दी गई शिकायतें बेअसर
मुगौरा गांव के निवासी नीलेश सिंह, रामकेश और रजाइया वर्मा सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने इस समस्या की शिकायत उपजिलाधिकारी और अन्य उच्चाधिकारियों से कई बार की है। हालांकि, अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। नीलेश सिंह ने आरोप लगाया कि खनन माफिया प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस की मिलीभगत से यह अवैध कार्य कर रहे हैं।
किसानों पर खनन माफिया का आतंक
ग्रामीणों का कहना है कि जब भी वे माफिया का विरोध करते हैं, उन्हें जान से मारने की धमकियां दी जाती हैं। इससे स्थानीय किसान डरे हुए हैं और अपनी फसलों की रक्षा करने में असमर्थ हैं। किसानों का कहना है कि उनकी मेहनत पर पानी फिर रहा है और खनन माफिया बेखौफ होकर उनकी जमीनों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
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ग्रामीणों की मांग
पीड़ित किसानों ने अवैध बालू खनन पर तुरंत रोक लगाने और खनन माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने जल्द ही इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया, तो उनकी आजीविका और फसलें पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगी।
स्थिति गंभीर है, और ग्रामीणों को न्याय दिलाने के लिए प्रभावी प्रशासनिक कार्रवाई बेहद जरूरी है।