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December 14, 2024 7:09 am

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बाढ से बेबस हो गई इंसान की जिंदगी, मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए भी नहीं मिल रही जगह… . 

29 पाठकों ने अब तक पढा

नौशाद अली की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश में मानसून के अंतिम दौर में फिर से बारिश का कहर जारी है। मौसम विभाग ने आज 14 सितंबर को राज्य के 7 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें भारी बारिश की संभावना है। बीते कुछ दिनों से लखनऊ समेत कई जिलों में तेज बारिश दर्ज की गई, जिससे कुछ क्षेत्रों में जलभराव हो गया है, जबकि कुछ इलाकों को उमस से राहत मिली है। वहीं, मौसम विभाग के अनुसार अब प्रदेश में मानसून की गति धीमी पड़ने लगी है।

हाल ही में उत्तर प्रदेश से मायूस कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। प्रदेश के सैकड़ों गांव न सिर्फ बाढ़ से परेशान हैं बल्कि वो खाना और पानी के लिए भी तरस रहे हैं।

लखीमपुर खीरी में अंतिम संस्कार को तरसे परिजन

लखीमपुर खीरी के फूलबेहड़ इलाके में बाढ़ ने लोगों का हौसला तोड़ दिया है। गांव के चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। ऐसे में एक परिवार अपने बुजुर्ग परिजन को बीमारी के चलते खो देता है। अब उनके सामने समस्या आती है अंतिम संस्कार की। गांव के टापू बन जाने के चलते अंतिम संस्कार करना दूभर हो गया।

अब ये तय किया गया कि अंतिम संस्कार कहीं और किया जाएगा। परिजनों ने दो नावों की व्यवस्था की। एक नाव पर चारपाई और उस पर शव रखा गया तो दूसरी नाव पर लकड़ियां लादी गईं। तकरीबन तीन किलोमीटर पानी पार कर एक सूखी जगह पर मृतक का अंतिम संस्कार पूरा किया गया।

बाढ़ से इन जिलों का है बुरा हाल

नेपाल में हुई भारी बारिश का असर बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती और बाराबंकी समेत कई जिलों पर पड़ रहा है। सरयू नदी उफान पर हैं। नदी के तटवर्ती इलाके भयानक बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। लोग रोजमर्रा की जरुरतों के लिए तरस रहे हैं। पानी अब आबादी में घुसने लगा है जिसके चलते गांव के लोग पलायन करने को मजबूर हैं। 

दरअसल पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार की लगभग सभी नदियों को उफान पर ला दिया है। खासतौर पर सरयू नदी ने बाराबंकी से लेकर बलिया तक जोरदार तहलका मचाना शुरू कर दिया है। लोगों ने प्रशासनिक मदद न मिलने का भी आरोप लगाया है।

मुरादाबाद में रामगंगा और कोसी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। नदी किनारे के नौ गांव बाढ़ को लेकर अति संवेदनशील हैं। इनमें से गांव इलर में गोशाला के पास नदी ने कटान शुरू कर दिया है। रामगंगा नदी खतरे निशान से अभी 1.29 मीटर नीचे बह रही है। वहीं, कोसी नदी में रामनगर डैम से 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बाढ़ का खतरा बन गया है।

पिछले करीब चार दिनों से पहाड़ी व मैदानी क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है। लगातार बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। मुरादाबाद में भी रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। गुरुवार को रामगंगा का जलस्तर 188.20 मीटर पर था। शुक्रवार की शाम तक रामगंगा का जलस्तर बढ़कर 189.31 मीटर तक पहुंच गया। खतरे का निशान 190.60 मीटर हैं।

इन 7  जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग के अनुसार, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, ज्योतिबाफुले नगर, बरेली और पीलीभीत में भारी बारिश की संभावना है।

इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जहां गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है।

इसके अलावा पश्चिमी यूपी के कुछ अन्य जिलों में भी येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिनमें लखीमपुर , सहारनपुर, बागपत, मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद और अलीगढ़ जैसे जिले शामिल हैं।

पूर्वी यूपी में मौसम साफ

जहां पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश का दौर जारी है, वहीं पूर्वी यूपी में मौसम साफ रहने की संभावना है।

आने वाले 3-4 दिनों तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मौसम स्थिर रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, यह मानसून का अंतिम चरण है और सितंबर के अंत तक बारिश का सिलसिला थम जाएगा।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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