
आगरा के शाहगंज में प्रॉपर्टी विवाद ने रिश्तों की मर्यादा तोड़ दी। मां, भाई और भाभी ने मिलकर छोटे बेटे और उसकी पत्नी को जहरीले लड्डू खिलाकर मौत के घाट उतार दिया। जानिए पूरा मामला।
ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
आगरा से एक दर्दनाक खबर सामने आई है, जहां संपत्ति के बंटवारे को लेकर उठी पारिवारिक कलह ने रिश्तों की सारी सीमाएं लांघ दीं। शाहगंज थाना क्षेत्र में एक मां, उसके दो बेटे और बहू ने मिलकर छोटे बेटे और उसकी पत्नी को जहरीला लड्डू खिला कर हत्या कर दी। यह घटना सिर्फ पारिवारिक झगड़े की नहीं, बल्कि सामाजिक गिरावट का भी उदाहरण बन गई है।
कैसे हुआ खुलासा?
दरअसल, 17 अप्रैल को शाहगंज पुलिस को पति-पत्नी द्वारा आत्महत्या किए जाने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंची पुलिस को दोनों अपने कमरे में अचेत अवस्था में मिले। उनके पास ही उनकी एक माह की मासूम बच्ची बिलखती हुई पाई गई। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दंपत्ति को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
प्रारंभिक जांच में घटनास्थल से जहरीले लड्डू बरामद हुए, जिससे यह आत्महत्या का मामला प्रतीत हुआ। मगर, जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, सच्चाई के परतें खुलती चली गईं।
परिवार के भीतर चल रहा था तनाव
फॉरेंसिक रिपोर्ट और आसपास के लोगों से हुई पूछताछ से एक बात सामने आई — मृतक अपने हिस्से की संपत्ति की मांग कर रहा था। इसी कारण से परिवार में गहराता विवाद एक गंभीर मोड़ पर पहुंच गया था। पुलिस ने इस एंगल को ध्यान में रखते हुए जांच को आगे बढ़ाया।
हत्या में शामिल निकले अपने ही
इस पूरे मामले में जो सबसे चौंकाने वाली बात सामने आई, वह थी परिवार के ही चार सदस्यों की संलिप्तता। मृतक की मां, बड़ा भाई, छोटे भाई और उसकी पत्नी ने मिलकर यह खौफनाक साजिश रची थी। पुलिस पूछताछ में चारों ने अपना अपराध स्वीकार भी कर लिया।
उनका कहना था कि संपत्ति को लेकर रोज़ाना के विवाद और छोटे बेटे के हक़ की मांग से पूरा परिवार परेशान था। इसलिए उन्होंने यह घिनौनी योजना बनाई और जहरीले लड्डू खिला दिए।
क्या कहती है पुलिस?
इस संबंध में आगरा के डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने जानकारी दी कि शुरुआत में यह आत्महत्या का मामला लगा, लेकिन सूक्ष्म जांच और फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद यह स्पष्ट हुआ कि यह एक सुनियोजित हत्या थी। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है।
यह घटना सिर्फ एक आपराधिक खबर नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी है। जिस मां की ममता औलाद के लिए ढाल बननी चाहिए, वह अगर साजिश में भागीदार बन जाए, तो सोचिए समाज किस दिशा में जा रहा है। आगरा की यह वारदात एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि जब लालच और स्वार्थ रिश्तों पर हावी हो जाएं, तो इंसानियत भी दम तोड़ देती है।