चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
बलरामपुर में ATS की कार्रवाई में छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन गिरफ्तार। धर्मांतरण, विदेशी फंडिंग और अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला। 100 करोड़ की संपत्ति, खाड़ी देशों से लिंक और जाति आधारित रेट कार्ड तक सामने आए।
बलरामपुर में हड़कंप: जब छांगुर बाबा का सच आया सामने
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग के बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा — एक ऐसा नाम, जो पहले अंगूठी-नग बेचने वाला था, अब धर्मांतरण के राष्ट्रविरोधी गिरोह का मास्टरमाइंड निकला। एटीएस की जांच में यह साफ हुआ कि बाबा न केवल भोले-भाले लोगों का धर्मांतरण करवा रहा था, बल्कि इस गोरखधंधे के लिए अरब देशों से मोटी रकम भी हासिल कर रहा था।
उतरौला के मधपुर गांव में गरजा बुलडोजर
मंगलवार सुबह करीब 10:30 बजे उतरौला के मधपुर गांव में प्रशासन ने कार्रवाई का बिगुल बजा दिया। बाबा की अवैध संपत्तियों पर 9 से 10 बुलडोजरों की भारी कार्रवाई शुरू हुई। जमीन सरकारी बताई जा रही थी, जिस पर अवैध रूप से कॉलेज, अस्पताल और मदरसे जैसे भवन खड़े किए गए थे। ग्राम समाज की बंजर भूमि पर किए गए इन निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए जिला प्रशासन पूरी ताकत के साथ उतरा।
जिला प्रशासन की सख्ती और मॉनिटरिंग
बुलडोजर की गरज के बीच जिले के आला अफसर स्वयं मौके पर मौजूद रहे। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने पूरी कार्रवाई की निगरानी करते हुए दो कंपनियां पीएसी की भी तैनाती करवाई, ताकि किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था की समस्या न उत्पन्न हो। मधपुर गांव के गाटा संख्या-337 और 370 की जमीनों पर अवैध कब्जे को जड़ से उखाड़ने के लिए प्रशासन ने दर्जनों जेसीबी लगा दीं।
नीतू उर्फ नसरीन बनी सहयोगी, गिरफ्तारी के बाद नए खुलासे
इस पूरे घटनाक्रम में एक और प्रमुख किरदार सामने आया — नीतू रोहरा, जो धर्मांतरण के बाद नसरीन बन गई थी। वह वही महिला है, जिसने पति नवीन रोहरा (अब जमालुद्दीन) के साथ धर्म बदला और फिर बाबा के साथ उसके ठिकाने पर रहने लगी। बताया जा रहा है कि बाबा अब उन्हीं के लग्जरी वाहनों में चलता था। जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर बाबा के बैंक खातों में आज भी 30-40 करोड़ रुपये जमा हैं।
गिरफ्तारी और ATS की कार्रवाई
ATS ने शनिवार को छांगुर बाबा और नीतू उर्फ नसरीन को लखनऊ में गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया। इससे पहले अप्रैल में उसके बेटे महबूब और दामाद नवीन को भी गिरफ्तार किया गया था। ATS की रिपोर्ट के मुताबिक, इस गिरोह के सदस्य 40 से अधिक इस्लामी देशों की यात्रा कर चुके हैं।
सौदेबाजी के रेट कार्ड: धर्मांतरण का संगठित धंधा
जांच में यह भी सामने आया है कि इस धर्मांतरण रैकेट में बाकायदा जाति आधारित रेट तय थे। ठाकुर और ब्राह्मण समुदाय की युवतियों का धर्मांतरण कराने पर एजेंट को 15-16 लाख रुपये मिलते थे, जबकि ओबीसी वर्ग के मामले में यह रकम 12 लाख तक रहती थी। खाड़ी देशों से आने वाली फंडिंग इसी में खपाई जाती थी।
लग्जरी जीवन से लेकर राष्ट्रविरोध तक
छांगुर बाबा की आर्थिक स्थिति अचानक साल 2020-21 के बाद बदली। हाजी अली दरगाह (मुंबई) में अंगूठी बेचने वाला जलालुद्दीन अचानक लग्जरी गाड़ियों, आलीशान घरों और विदेशी यात्राओं में लिप्त हो गया। धीरे-धीरे वह “पीर बाबा” बनकर लोगों को दुआएं देने लगा और धर्मांतरण को कारोबार बना लिया।
योगी सरकार की सख्त चेतावनी: ‘दूसरों के लिए नजीर बनेगी सजा’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार बहन-बेटियों की गरिमा और सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। आरोपी की गतिविधियां समाज विरोधी ही नहीं, राष्ट्र विरोधी भी हैं। ऐसे अपराधियों की संपत्तियां जब्त होंगी और उन्हें सख्त सजा दी जाएगी जो समाज के लिए नजीर बनेंगी।”
धर्म की आड़ में अपराध का भंडाफोड़
छांगुर बाबा का मामला न केवल एक धर्मांतरण गिरोह की परतें खोलता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे धार्मिक आस्थाओं का इस्तेमाल करके राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है। प्रशासनिक सख्ती और ATS की सक्रियता के चलते इस बार अपराधी सलाखों के पीछे हैं, लेकिन यह मामला एक चेतावनी भी है कि सतर्क रहना अब सिर्फ प्रशासन की नहीं, समाज की भी जिम्मेदारी है।