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खुलासा

संभल में मिला खजाना, 3-4 सौ साल पुरानी यह धरोहर क्षेत्र के गौरवशाली इतिहास को उजागर कर रहा है

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अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के संभल जिले के अलीपुर खुर्द गांव के अमरपति खेड़ा क्षेत्र में ऐतिहासिक महत्व की सैकड़ों साल पुरानी धरोहरें मिली हैं। यहां से लगभग 300 से 400 पुराने सिक्के और मिट्टी के बर्तन बरामद किए गए हैं। यह क्षेत्र भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के रिकॉर्ड में पहले से संरक्षित है। एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा और एएसआई की टीम ने मौके पर पहुंचकर इन प्राचीन वस्तुओं को अपने कब्जे में ले लिया है और उन्हें संरक्षित किया गया है।

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अमरपति खेड़ा का ऐतिहासिक महत्व

अमरपति खेड़ा क्षेत्र 1920 से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के रिकॉर्ड में संरक्षित स्थल के रूप में दर्ज है। इसे गुरु अमर की समाधि स्थल माना जाता है, जो पृथ्वीराज चौहान के समकालीन थे। इस क्षेत्र में पहले से समाधियां और प्राचीन संरचनाएं मौजूद थीं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह स्थान ऐतिहासिक रूप से काफी समृद्ध रहा है और यहां पर और भी प्राचीन वस्तुएं मिलने की संभावना है।

400 साल पुराने सिक्के और बर्तन मिले

अमरपति खेड़ा में खुदाई के दौरान मिट्टी के बर्तन और पुराने सिक्के मिले हैं, जो लगभग 400 साल पुराने बताए जा रहे हैं। एसडीएम ने इन प्राचीन धरोहरों को संरक्षित करते हुए कहा कि ये वस्तुएं ऐतिहासिक महत्व की हैं और इन्हें एएसआई की निगरानी में रखा जाएगा।

एसडीएम और एएसआई की कार्रवाई

गुरुवार को संभल की एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा ने अमरपति खेड़ा का दौरा किया। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र पहले से संरक्षित है और वहां पुरानी समाधियां भी मौजूद हैं। एसडीएम ने मिट्टी के बर्तन और सिक्कों को कब्जे में लेकर उन्हें संरक्षित करने की कार्रवाई शुरू की।

प्राचीन धरोहर की खोज जारी

अलीपुर खुर्द क्षेत्र में अभी और भी ऐतिहासिक वस्तुओं के मिलने की संभावना जताई जा रही है। प्रशासन और एएसआई इस क्षेत्र में और अधिक खोज करने की योजना बना रहे हैं। यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से बेहद समृद्ध है और इसके संरक्षण के लिए प्रशासन विशेष ध्यान दे रहा है।

गुरु अमर और अमरपति खेड़ा का महत्व

स्थानीय मान्यता के अनुसार, अमरपति खेड़ा गुरु अमर की समाधि का स्थल है। गुरु अमर को पृथ्वीराज चौहान के समकालीन माना जाता है। यह स्थान ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है और सैकड़ों सालों से संरक्षित स्थल के रूप में जाना जाता है।

संभल जिले के अमरपति खेड़ा में मिली प्राचीन वस्तुएं न केवल ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह क्षेत्र के गौरवशाली इतिहास को उजागर करने का अवसर भी है। प्रशासन और एएसआई की टीम इस क्षेत्र में और भी खोज करने पर विचार कर रही है ताकि अमरपति खेड़ा के ऐतिहासिक महत्व को और बेहतर तरीके से समझा और संरक्षित किया जा सके।

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samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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