उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के साथ बिजली गिरने, सर्पदंश और डूबने की घटनाओं ने कहर बरपाया है। बीते 24 घंटों में 10 जिलों में 14 लोगों की मौत हुई। मौसम विभाग ने 47 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक व्यक्त किया और राहत कार्यों के निर्देश दिए।
संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश में मानसून अपनी पूरी रफ्तार पकड़ रहा है, वैसे-वैसे प्राकृतिक आपदाएं भी अपना विकराल रूप दिखा रही हैं। बीते 24 घंटों के भीतर प्रदेश के 10 जिलों में हुई त्रासद घटनाओं में कुल 14 लोगों की जान चली गई है। यह मौतें मुख्यतः आकाशीय बिजली गिरने, सांप के काटने (सर्पदंश) और पानी में डूबने के कारण हुई हैं।
आकाशीय बिजली बनी जानलेवा
- सबसे अधिक घटनाएं आकाशीय बिजली गिरने की रही, जिससे 7 लोगों की जान चली गई।
- गोरखपुर में दो लोगों की मौत दर्ज की गई।
- वहीं कुशीनगर में एक,
- चंदौली, जौनपुर, रायबरेली और कानपुर देहात में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
यह घटनाएं उस समय हुईं जब लोग खेतों, खुले स्थानों या पेड़ों के नीचे ठहरे हुए थे।
सर्पदंश से भी बढ़ा खतरा
दूसरी ओर, लगातार बारिश के कारण सांपों की आवाजाही में वृद्धि हुई है, जिससे सर्पदंश के मामलों में इजाफा हुआ है।
- गाजीपुर में दो,
- प्रतापगढ़ और चंदौली में एक-एक व्यक्ति की मौत सर्पदंश के कारण हुई है।
- इससे स्पष्ट है कि ग्रामीण और बाढ़ प्रभावित इलाकों में इस तरह की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।
- डूबने की घटनाएं बनीं तीसरा बड़ा कारण
- भारी बारिश और बाढ़ के कारण डूबने की घटनाओं में भी वृद्धि देखी गई है।
- चित्रकूट में दो,
- बांदा में एक व्यक्ति की मौत डूबने से हुई है।
बच्चे और वृद्ध अक्सर ऐसे हादसों का शिकार होते हैं, जब वे पानी भरे इलाकों में फंस जाते हैं या फिसलकर बह जाते हैं।
मौसम विभाग का रेड अलर्ट
इन घटनाओं के बीच मौसम विभाग ने राज्य के 47 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है, जिनमें पूर्वांचल और बुंदेलखंड के जिले विशेष रूप से शामिल हैं। अगले कुछ दिनों तक इन इलाकों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
विशेष रूप से चित्रकूट में रिकॉर्ड 141.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जिससे वहां बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक
इस भीषण आपदा पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा दुख व्यक्त किया है। साथ ही, उन्होंने प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि
- मृतकों के परिजनों को तत्काल आर्थिक सहायता दी जाए
- राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो
- प्रभावित क्षेत्रों में राहत टीमें सक्रिय रूप से कार्य करें।
- आपदा राहत आयुक्त कार्यालय की चेतावनी
राज्य के आपदा राहत आयुक्त कार्यालय ने चेतावनी दी है कि
- बिजली गिरने, सर्पदंश और डूबने जैसी घटनाओं में अचानक तेजी आई है
- सभी जिलों में आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट मोड पर हैं
- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव, नाविक दल और मेडिकल सहायता की व्यवस्था की जा रही है।
प्रशासन की अपील
सरकार और प्रशासन ने नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की है:
- आकाशीय बिजली गिरने के समय खुले में न जाएं, विशेषकर पेड़ के नीचे न ठहरें
- यदि सर्पदंश हो, तो तुरंत अस्पताल में इलाज कराएं, देरी न करें
- बाढ़ग्रस्त और जलभराव वाले इलाकों में जाने से बचें
- सरकारी चेतावनियों और मौसम विभाग के अलर्ट पर ध्यान दें
निष्कर्षतः, उत्तर प्रदेश इस समय एक गंभीर जलवायु संकट से गुजर रहा है, जिसमें आम जनता की सजगता और सरकारी तंत्र की तत्परता ही जनहानि को रोक सकती है। आगामी कुछ दिन बेहद संवेदनशील हैं, ऐसे में नागरिकों से अनुरोध है कि वे किसी भी परिस्थिति में सतर्कता न छोड़ें।