मेरठ में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू राष्ट्र, सौरभ हत्याकांड और गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा देने पर बड़ा बयान दिया। जानें उनके विचार और आगामी पदयात्रा की पूरी जानकारी।
मेरठ में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हाल ही में सौरभ हत्याकांड और हिंदू राष्ट्र की अवधारणा पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “देश में इन दिनों ‘नीला ढोल’ काफी वायरल हो रहा है। भगवान की कृपा है कि मेरी शादी नहीं हुई, क्योंकि मेरे पति (देश) सदमे में हैं।” इसके साथ ही उन्होंने हिंदू राष्ट्र की परिभाषा स्पष्ट करते हुए कहा कि इसमें सभी धर्मों के लोगों को रहने का अधिकार होगा, लेकिन हिंदुओं को प्राथमिकता मिलेगी, जैसे दुबई में मुस्लिमों को दी जाती है।
हिंदू राष्ट्र और गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की जीवनशैली रामचरितमानस पर आधारित होगी। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि
“जो भी सनातन का अपमान करेगा, उसे फांसी पर लटकाया जाएगा।” इसके अलावा, उन्होंने राणा सांगा पर विवादित टिप्पणी करने वालों की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी “बुद्धि शुद्ध होनी चाहिए।”
उन्होंने औरंगजेब की महानता को नकारते हुए विदेशी विधर्मियों के सफाए की बात कही।
उन्होंने मेरठ के सौरभ हत्याकांड को “निंदनीय” बताते हुए इसे संस्कारों और परवरिश की कमी का परिणाम बताया। साथ ही, मेरठ की कुछ जगहों के नाम बदलने की मांग भी की।
संभल, काशी और मथुरा को लेकर दिया बड़ा बयान
संभल को लेकर अपनी राय रखते हुए उन्होंने कहा,
“हम पहले कहते थे कि अयोध्या तो बस एक झलक है, काशी-मथुरा अभी बाकी है। अब हम कहेंगे कि काशी-मथुरा-संभल भी बाकी है।”
उन्होंने आगे कहा कि
“बहुत हो गया शांति का जाप, अब क्रांति का पाठ होना चाहिए।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंदुत्व की क्रांति जरूरी है और जातिवाद को देश को तोड़ने की सबसे बड़ी साजिश बताया।
हिंदू राष्ट्र में तिरंगे का होगा सम्मान
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हिंदू राष्ट्र में जातिवाद और भेदभाव की राजनीति समाप्त होगी। यहां पर ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ जैसे नारे नहीं लगेंगे और तिरंगे का सम्मान सर्वोपरि होगा। इसके अलावा, उन्होंने गौमाता को “राष्ट्रमाता” का दर्जा देने की पुरजोर वकालत की।
दिल्ली से वृंदावन तक करेंगे पदयात्रा
हिंदुओं को एकजुट करने के उद्देश्य से पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने दिल्ली से वृंदावन तक पदयात्रा निकालने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार “दो बच्चे अच्छे” का नारा देती है, लेकिन कुछ लोग 30 बच्चे क्यों पैदा कर रहे हैं? उन्होंने इस पर विचार करने की जरूरत बताई।
उन्होंने कहा कि हर बच्चे को कट्टर हिंदू बनाना चाहिए, उसके हाथ में गीता-पुराण और संविधान दोनों होने चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने वर्तमान पीढ़ी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि
“आज के बच्चे रामायण भूलकर मोबाइल और टीवी में व्यस्त हो गए हैं, जिससे समाज में चित्रों की संस्कृति का प्रभाव बढ़ रहा है और पत्नियां बर्बाद हो रही हैं।”
पंडित धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान ने कई बड़े मुद्दों को उजागर किया। उन्होंने हिंदू राष्ट्र, सौरभ हत्याकांड, जातिवाद, गौमाता और तिरंगे के सम्मान पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने हिंदू समाज को एकजुट करने के लिए दिल्ली से वृंदावन तक पदयात्रा की घोषणा भी की। उनका यह बयान राजनीतिक और सामाजिक रूप से कई चर्चाओं को जन्म दे सकता है।
➡️चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

Author: samachardarpan24
जिद है दुनिया जीतने की